पाकुड़ नगर परिषद में आयोजित हुआ प्रशिक्षण कार्यशाला
पाकुड़। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना (PM SVANidhi Yojana) के सफल क्रियान्वयन को लेकर 31 अक्टूबर 2025 को नगर परिषद सभागार, पाकुड़ में एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला की अध्यक्षता नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार चौधरी और जिला अग्रणी प्रबंधक अमित कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से की।
इस कार्यशाला में नगर परिषद के पदाधिकारी, विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि, शहरी पथ-विक्रेता, सामुदायिक संगठनकर्ता और सीआरपी दीदी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
योजना के नए स्वरूप की विस्तृत जानकारी दी गई
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य स्वनिधि योजना के नए स्वरूप के बारे में जानकारी देना और इसके सफल क्रियान्वयन हेतु बैंकों एवं पथ-विक्रेताओं को प्रशिक्षण प्रदान करना था।
प्रशिक्षण सत्र के दौरान बताया गया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का अवधि विस्तार वर्ष 2030 तक कर दिया गया है, जिससे देशभर के अधिक से अधिक शहरी पथ-विक्रेताओं को इसका लाभ मिल सके।
ऋण राशि में की गई बढ़ोतरी — अब अधिक पूंजी के साथ आगे बढ़ सकेंगे पथ-विक्रेता
प्रशिक्षण में विस्तार से बताया गया कि योजना की ऋण राशि में बढ़ोतरी की गई है ताकि लाभार्थी अपने छोटे व्यापार को और आगे बढ़ा सकें।
अब योजना के अंतर्गत —
- प्रथम किस्त ₹10,000 से बढ़ाकर ₹15,000,
- द्वितीय किस्त ₹20,000 से बढ़ाकर ₹25,000,
- और तृतीय किस्त ₹50,000** कर दी गई है।**
यह बढ़ोतरी उन पथ-विक्रेताओं के लिए एक बड़ा अवसर है जो नियमित रूप से ऋण का पुनर्भुगतान करते हैं और अपने व्यापार को स्थायी बनाना चाहते हैं।
समय पर ऋण चुकाने वालों को मिलेगा विशेष प्रोत्साहन — कैशबैक और क्रेडिट कार्ड सुविधा
कार्यशाला के दौरान अधिकारियों ने यह भी बताया कि जो पथ-विक्रेता समय पर ऋण चुकाएंगे, उन्हें ₹1200 का कैशबैक इनाम प्रदान किया जाएगा।
इसके साथ ही उन्हें ₹30,000 की लिमिट वाला रुपे क्रेडिट कार्ड (RuPay Credit Card) भी उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वे अपने व्यापारिक लेन-देन को और सरल बना सकें।
इस योजना का उद्देश्य है कि छोटे व्यापारियों को आत्मनिर्भर बनाया जाए और डिजिटल भुगतान प्रणाली को बढ़ावा मिले।
बैंकों ने लाभार्थियों को प्रदान किए ऋण चेक
कार्यशाला के उपरांत बैंकों द्वारा ऋण स्वीकृत पथ-विक्रेताओं को चेक प्रदान किए गए।
इस मौके पर कई लाभार्थी अत्यंत उत्साहित नजर आए और उन्होंने बताया कि सरकार की इस योजना से उन्हें आर्थिक मजबूती मिली है।
कार्यक्रम में बैंकों के पदाधिकारियों ने भी अपने-अपने अनुभव साझा किए और स्वनिधि योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता एवं सरलता सुनिश्चित करने का संकल्प लिया।
नए आवेदकों के लिए खुला अवसर — नगर परिषद से करें संपर्क
अधिकारियों ने जानकारी दी कि जो पथ-विक्रेता अभी तक योजना का लाभ नहीं ले पाए हैं, वे नगर परिषद कार्यालय में आवेदन पत्र भरकर योजना से जुड़ सकते हैं।
आवेदन के उपरांत संबंधित बैंक शाखा द्वारा ऋण स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी की जाएगी और पात्र लाभार्थियों को समय पर योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
यह पहल आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कार्यक्रम में अधिकारियों और समुदाय की सक्रिय भागीदारी
इस अवसर पर सिटी मिशन मैनेजर मनीष कुमार मिश्रा, सभी बैंकों के अधिकारी, शहरी पथ-विक्रेता, सामुदायिक संगठनकर्ता, सीआरपी दीदी, और नगर परिषद के कर्मीगण उपस्थित थे।
सभी ने मिलकर योजना की प्रक्रिया, लाभ और पारदर्शिता पर चर्चा की तथा भविष्य में इसे और प्रभावी ढंग से लागू करने का संकल्प लिया।
आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी योजना
कार्यशाला के अंत में वक्ताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना शहरी पथ-विक्रेताओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम बन रही है।
यह योजना न केवल रोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे रही है, बल्कि देश के सूक्ष्म व्यवसाय क्षेत्र को नई पहचान भी दे रही है।
अधिकारियों ने सभी प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे योजना की जानकारी दूसरों तक पहुंचाएं और स्वच्छ, सशक्त और आत्मनिर्भर शहर के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं।


