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दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पीएम मोदी को पिछले दस सालों तक देश पर शासन करने का मौका मिला और उन्होंने देश के लगभग हर क्षेत्र को पूरी तरह से चौपट कर दिया है। उन्होंने लोगों के बीच नफरत पैदा कर दी है, अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है, सभी क्षेत्रों में इतनी महंगाई है, इतनी बेरोजगारी है।
2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के उद्देश्य से एक संयुक्त कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने के लिए 26 विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं ने आज अपने महत्वपूर्ण विचार-विमर्श के दूसरे दिन भाग लिया। नेताओं द्वारा केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी को श्रद्धांजलि देने के बाद बैठक शुरू हुई, जिनका आज 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया। राकांपा के संरक्षक शरद पवार, जो पहले दिन बैठक में शामिल नहीं हुए थे, के आज भाग लिया है। बैठक को लेकर तमाम दलों के नेताओं ने अपने विचार प्रकट किए हैं।
ममता-केजरीवाल ने क्या कहा
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पीएम मोदी को पिछले दस सालों तक देश पर शासन करने का मौका मिला और उन्होंने देश के लगभग हर क्षेत्र को पूरी तरह से चौपट कर दिया है। उन्होंने लोगों के बीच नफरत पैदा कर दी है, अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है, सभी क्षेत्रों में इतनी महंगाई है, इतनी बेरोजगारी है। उन्होंने कहा कि अब मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि इस देश के लोग उनसे छुटकारा पाना चाहते हैं, इसलिए सभी को एक साथ आने की जरूरत है। टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह एक अच्छी, सार्थक मुलाकात है। रचनात्मक निर्णय लिया जाएगा…आज हमने जो चर्चा की, उसके बाद का परिणाम इस देश के लोगों के लिए अच्छा हो सकता है।
खड़गे ने क्या कहा
विपक्ष की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम राज्य स्तर पर हम में से कुछ लोगों के बीच मतभेदों से अवगत हैं, ये मतभेद विचारधारा संबंधी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि दलों के बीच मतभेद इतने बड़े नहीं हैं कि हम लोगों की खातिर उन्हें अलग न रख सकें। खड़गे ने कहा कि हम 26 दल हैं, 11 राज्यों में हमारी सरकार हैं, भाजपा को 303 सीट अकेले नहीं मिलीं, उसने सहयोगियों के मतों का इस्तेमाल किया और फिर उन्हें त्याग दिया। विपक्ष की बैठक में खरगे ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष और पार्टी नेता पुराने सहयोगियों से समझौता करने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य दौड़ लगा रहे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस को सत्ता या प्रधानमंत्री पद में कोई दिलचस्पी नहीं। हमारा इरादा अपने लिए सत्ता हासिल करना नहीं, बल्कि संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक न्याय की रक्षा करना है।
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