पुरानी पेंशन योजना को लेकर केंद्र एवं राज्य सरकारों के कर्मचारी संगठन एकजुट हो गए हैं। अब ओपीएस पर आरपार की लड़ाई होगी। केंद्र सरकार में ‘स्टाफ साइड’ की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा की अध्यक्षता में सात जनवरी को नई दिल्ली के प्यारेलाल भवन में हुई बैठक में ओपीएस बहाली की मांग को लेकर कई बड़े फैसले लिए गए हैं। इस बैठक में कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स मार्टियर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह भी शामिल हुए। खास बात है कि अब पुरानी पेंशन के मुद्दे पर जो आंदोलन होगा, वह केवल दिल्ली में नहीं, बल्कि राज्यों की राजधानियों और जिला स्तर तक किया जाएगा।
21 जनवरी को नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की नेशनल कन्वेंशन की बैठक होगी। एनजेसीए ने केंद्र को आठ माह का समय दिया है। अगर इस अवधि में पुरानी पेंशन लागू नहीं होती है, तो 19 सितंबर को भारत बंद किया जाएगा। इससे पहले छोटे-बड़े कई तरह के आंदोलन होंगे। यूनिट स्तर पर गेट मीटिंग करने का सिलसिला लगातार जारी रहेगा।
ओपीएस पर होगा इस तरह का आंदोलन
राष्ट्रीय युवा दिवस, 12 जनवरी को जन जागरूकता अभियान शुरु होगा। विभिन्न केंद्रीय एवं राज्य स्तर के कर्मचारी संगठन, पुरानी पेंशन के मुद्दे पर गेट मीटिंग करेंगे। 21 जनवरी को नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की नेशनल कन्वेंशन की बैठक होगी। इस बैठक में ओपीएस को लेकर कई विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया गया है। 10 फरवरी से 20 फरवरी तक एनजेसीए का ऑनलाइन पिटीशन अभियान शुरू होगा। एनपीएस के तहत आने वाले लाखों कर्मियों द्वारा इस पिटीशन पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है। 21 फरवरी को रेलवे में ब्रांच लेवल पर रैली आयोजित होंगी। इसके एक माह बाद यानी 21 मार्च को जिला स्तर पर एनजेसीए द्वारा रैलियां की जाएंगी। 21 अप्रैल को एनजेसीए की राष्ट्रीय संचालन समिति की अहम बैठक बुलाई गई है। इसी दिन कर्मचारी संगठनों की स्थानीय इकाई, ओपीएस को लेकर गेट मीटिंग करेंगी। 21 मई को देश के सभी जिलों में कर्मचारी संगठन, मशाल जुलूस निकालेंगे। इसमें कर्मचारियों के परिजन भी हिस्सा लेंगे। 21 जून को राज्यों की राजधानियों में रैलियां आयोजित होंगी।
जुलाई/अगस्त में संसद के मानसून सत्र के दौरान नई दिल्ली में अखिल भारतीय स्तर पर एक मेगा रैली की जाएगी। अगर तब तक केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कोई सकारात्मक पहल नहीं की तो 19 सितंबर को भारत बंद किया जाएगा।
जब एक पर्सेंट वोट के अंतर से सत्ता खिसक गई
बैठक में मौजूद रहे कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स मार्टियर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह व अध्यक्ष जयेंद्र सिंह राणा ने कहा, केंद्र को पुरानी पेंशन लागू करनी होगी। यह कर्मियों का हक है। एक कर्मचारी अपने जीवन के तीस-चालीस वर्ष सरकार को देता है, तो बुढ़ापे में उसका पेंशन लेने का हक बनता है। सरकार, अपनी इस जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकती। ओपीएस को लेकर जो आंदोलन शुरु होगा, उसमें कर्मियों के परिजन भी शामिल होंगे। बतौर रणबीर सिंह, हिमाचल प्रदेश के हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में पुरानी पेंशन बहाली, एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना था। ओपीएस के चलते ही एक पर्सेंट वोट, इधर से उधर हो गया।
नतीजा, भाजपा के हाथ से सत्ता खिसक गई। विभिन्न राज्यों में 2023 के दौरान होने वाले विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनाव में चपड़ासी और चौकीदार, यानी सिविलियन कर्मचारी व सरहदी पैरामिलिट्री चौकीदारों के परिवार एक निर्णायक भूमिका निभाएंगे। पुरानी पेंशन बहाली के लिए 2023 का रोड मैप तैयार कर लिया गया है। यह आंदोलन शिव गोपाल मिश्रा के नेतृत्व में होगा। जयेंद्र सिंह राणा ने नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन के सभी सदस्यों को 14 फरवरी को पुलवामा शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए जंतर-मंतर पर आमंत्रित किया है।