पाकुड़। जिला प्रशासन ने कोल कंपनी से प्रभावित रैयतों के पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन के तहत अमड़ापाड़ा प्रखंड के चिलगो गांव में दूसरे दिन भी शिविर का आयोजन किया। इस शिविर का उद्देश्य प्रभावित रैयतों के कागजातों का सत्यापन करना और पुनर्वास प्रक्रिया को सुगम बनाना था।
48 रैयतों के कागजातों का सत्यापन
शिविर में 48 रैयतों के कागजातों का सत्यापन किया गया। इससे पहले आयोजित शिविर में 13 रैयतों के कागजातों का सत्यापन किया गया था। अब तक कुल 61 रैयतों के कागजातों का सत्यापन सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित कर रही है कि सभी प्रभावित रैयतों को समय पर पुनर्वास का लाभ मिल सके।
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प्रभावित परिवारों के पुनर्वास का प्रयास
जिला प्रशासन ने इस शिविर के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि प्रभावित रैयतों के पुनर्वास को प्राथमिकता दी जा रही है। प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन की प्रक्रिया पारदर्शी और प्रभावी हो। कोल कंपनी के कारण प्रभावित रैयतों के अधिकारों और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।
प्रशासन और कंपनी का संयुक्त प्रयास
शिविर के आयोजन में जिला प्रशासन के साथ-साथ बीजीआर कंपनी का भी सहयोग रहा। शिविर में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अजय सिंह बड़ाईक, बीजीआर कंपनी के प्रतिनिधि जेम्स मुर्मू और कार्यालय के अन्य कर्मी मौजूद थे। यह सामूहिक प्रयास यह दर्शाता है कि प्रशासन और कंपनी मिलकर प्रभावित रैयतों के पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध हैं।
ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी
शिविर के दौरान प्रभावित ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं और दस्तावेज प्रस्तुत किए। ग्रामीणों ने प्रशासन के इस कदम की सराहना की और कहा कि इस प्रक्रिया से उन्हें अपनी भूमि और पुनर्वास संबंधी मुद्दों को हल करने में मदद मिलेगी।
पुनर्वास प्रक्रिया को गति देने का लक्ष्य
यह शिविर जिला प्रशासन की उस नीति का हिस्सा है, जिसमें प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रशासन की मंशा है कि सभी रैयतों के दस्तावेज जल्द से जल्द सत्यापित हों, ताकि उन्हें उनकी पात्रता के अनुसार लाभ प्रदान किया जा सके।
आगे भी जारी रहेगा प्रयास
जिला प्रशासन ने आश्वस्त किया है कि पुनर्वास से संबंधित यह प्रक्रिया नियमित रूप से जारी रहेगी और सभी प्रभावित परिवारों को उनके अधिकार दिलाने में कोई कमी नहीं की जाएगी। शिविर के सफल आयोजन से रैयतों और प्रशासन के बीच संवाद और विश्वास बढ़ा है।
कोल कंपनी से प्रभावित रैयतों के पुनर्वास के लिए जिला प्रशासन का यह कदम एक महत्वपूर्ण प्रयास है। चिलगो गांव में आयोजित शिविर ने प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाने और उनके अधिकार सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई। यह प्रक्रिया भविष्य में भी ग्रामीणों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम बनेगी।