पाकुड़ प्रखंड स्थित मैदान में शुक्रवार को जिला स्तरीय किसान मेला सह कृषि प्रदर्शनी का आयोजन बड़े ही उत्साह और जोश के साथ किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की ओर से किया गया था। जिले के किसानों को कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों और योजनाओं की जानकारी देने के उद्देश्य से इस मेले का आयोजन किया गया।
उद्घाटन समारोह में उपायुक्त ने किया दीप प्रज्ज्वलन
कार्यक्रम का उद्घाटन उपायुक्त मनीष कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने अपने संबोधन में किसानों को नकदी फसलों के उत्पादन पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी। उपायुक्त ने कहा कि नकदी फसलें जैसे फल, सब्जियां और औद्योगिक फसलें किसानों की आय वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने पशुपालन, मछली पालन और बागवानी को भी बढ़ावा देने पर जोर दिया और इनसे होने वाले संभावित आर्थिक लाभों के बारे में जानकारी दी।
कृषि योजनाओं के लाभ उठाने का आह्वान
अपने संबोधन में उपायुक्त ने जिले के किसानों को राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कृषि योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि सरकार की इन योजनाओं का सही ढंग से लाभ उठाकर किसान अपनी आय में उल्लेखनीय वृद्धि कर सकते हैं। किसानों को कृषि उपकरणों की सब्सिडी, बीज वितरण और उर्वरकों से संबंधित योजनाओं की जानकारी दी गई।
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विभिन्न विभागों के स्टॉलों का निरीक्षण
किसान मेले में कई विभागों ने अपने-अपने स्टॉल लगाए, जिनमें सहकारिता, पशुपालन, मत्स्य, उद्यान, कृषि और गव्य विकास जैसे विभाग शामिल थे। उपायुक्त ने इन स्टॉलों का निरीक्षण किया और किसानों को उनकी उपयोगिता के बारे में बताया। कृषि विभाग ने सब्जी और फल की एक विशेष प्रदर्शनी लगाई थी, जिसे किसानों ने काफी सराहा।
किसानों को परिसंपत्तियों का वितरण
कार्यक्रम के दौरान कई लाभुक किसानों को परिसंपत्तियों का वितरण भी किया गया। इसमें कृषि उपकरण, बीज, पशु चारा और मछली पालन से संबंधित सामग्री शामिल थी। इन परिसंपत्तियों के वितरण का उद्देश्य किसानों को सशक्त बनाना और उनकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाना था।
किसानों और पदाधिकारियों की व्यापक भागीदारी
कार्यक्रम में विभागीय पदाधिकारियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में किसान भी मौजूद रहे। किसानों ने मेले में लगे विभिन्न स्टॉलों और प्रदर्शनी से कृषि क्षेत्र की नई जानकारियों का लाभ उठाया। इसके अलावा, किसानों ने सरकारी योजनाओं के बारे में सीधे विशेषज्ञों से चर्चा की और अपने सवालों के जवाब भी प्राप्त किए।
यह किसान मेला सह कृषि प्रदर्शनी जिले के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुई, जहां उन्हें कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों में नई तकनीकों और योजनाओं की जानकारी मिली। उपायुक्त द्वारा दिए गए सुझाव और परिसंपत्तियों के वितरण ने किसानों में उत्साह और आत्मविश्वास का संचार किया। इस आयोजन ने किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाया है।