पाकुड़। जिला विधिक सेवा प्राधिकार (DLSA) पाकुड़ के तत्वाधान में नव नियुक्त पैरा लीगल वॉलिंटियर्स (PLV) का चार दिवसीय ओरियंटेशन सह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ शेष नाथ सिंह की अध्यक्षता में व्यवहार न्यायालय डालसा सभागार में आयोजित हुआ। इस अवसर पर विभिन्न न्यायाधीशों और विधिक सेवा से जुड़े अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य नव नियुक्त PLVs को उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों से अवगत कराना था, ताकि वे समाज के सबसे कमजोर तबकों तक न्यायिक सेवाएं पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें।
दीप प्रज्ज्वलन और उद्घाटन
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेष नाथ सिंह, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय सुधांशु कुमार शशि, सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद, लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के चीफ सुबोध कुमार दफादार और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शिल्पा मुर्मू द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। उद्घाटन के दौरान इन अधिकारियों ने चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला और नव नियुक्त पैरा लीगल वॉलिंटियर्स को बधाई दी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की मुख्य बातें
इस ओरियंटेशन सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में 55 नव नियुक्त पैरा लीगल वॉलिंटियर्स ने भाग लिया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेष नाथ सिंह ने सभी PLVs को उनकी जिम्मेदारियों के बारे में दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि PLVs का मुख्य उद्देश्य समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्तियों को निशुल्क विधिक सेवाएं उपलब्ध कराना है। इसके साथ ही, PLVs को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आम लोगों तक पहुंचानी होगी ताकि न्याय और सरकारी सेवाओं की सुलभता सुनिश्चित की जा सके।
समाज के लिए PLVs की भूमिका
प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न कानूनी विषयों पर चर्चा की गई, जिनमें विशेष रूप से मोटर एक्सीडेंट से संबंधित मामलों पर जोर दिया गया। इसके अलावा, PLVs को समाज में न्यायिक सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के तरीकों पर प्रशिक्षित किया गया। PLVs को सिखाया गया कि वे कैसे लोगों को कानूनी जानकारी प्रदान कर सकते हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ दिला सकते हैं। सामाजिक न्याय के इस मिशन में PLVs की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे सीधे तौर पर लोगों की समस्याओं को समझने और उन्हें सही कानूनी दिशा में मार्गदर्शन करने में मदद करेंगे।
महत्वपूर्ण दिशानिर्देश और मार्गदर्शन
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश और अन्य न्यायिक अधिकारियों ने PLVs को यह निर्देश दिया कि वे अपनी जिम्मेदारियों को लगन और निष्ठा के साथ निभाएं। उन्हें यह भी कहा गया कि वे प्राधिकार द्वारा दी जाने वाली जिम्मेदारियों को पूरा करते समय समाज के जरूरतमंद वर्गों तक न्यायिक सेवाएं पहुंचाने का काम करें। न्याय को सुलभ बनाना और कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी हर व्यक्ति तक पहुंचाना ही PLVs का मुख्य उद्देश्य है। इसके साथ ही, PLVs को निर्देशित किया गया कि वे समाज के कमजोर और जरूरतमंद वर्गों को प्राथमिकता दें, ताकि वे लोग भी न्यायिक सेवाओं का लाभ उठा सकें।
प्रमुख अधिकारियों की उपस्थिति
इस अवसर पर कई न्यायिक अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें प्रधान न्यायाधीश सुधांशु कुमार शशि, सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शिल्पा मुर्मू, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल मांझी, सचिव अजय कुमार गुड़िया, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सदिश उज्जवल बेक, और प्रभारी न्यायाधीश विजय कुमार दास शामिल थे। इसके अलावा, लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के चीफ सुबोध कुमार दफादार, डिप्टी चीफ मो. नुकुमुदिन शेख, सहायक गंगाराम टुडू, और अन्य न्यायिक कर्मचारी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
PLVs का योगदान और भविष्य की दिशा
प्रशिक्षण के दौरान नव नियुक्त PLVs को यह बताया गया कि उनकी भूमिका समाज के कमजोर और हाशिए पर खड़े वर्गों तक न्यायिक सेवाएं और सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाने में अहम होगी। PLVs को यह भी सिखाया गया कि वे क्षेत्र में होने वाली कानूनी समस्याओं जैसे मोटर एक्सीडेंट, घरेलू हिंसा, और अन्य कानूनी विवादों को सुलझाने में कैसे सहायता कर सकते हैं। इसके साथ ही, उन्हें यह भी सिखाया गया कि किस प्रकार से वे समाज में न्याय को बढ़ावा देने और सरकारी योजनाओं का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचाने में मदद कर सकते हैं।
समापन और बधाई संदेश
कार्यक्रम के समापन पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेष नाथ सिंह ने नव नियुक्त PLVs को उनके नए कर्तव्यों के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि समाज में न्यायिक सेवाओं को सुलभ बनाने में PLVs का योगदान महत्वपूर्ण होगा। इसके साथ ही, उन्होंने सभी PLVs से अपेक्षा की कि वे अपने काम में समर्पण और ईमानदारी से कार्य करें और न्याय को समाज के हर कोने तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
इस चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान PLVs को विभिन्न कानूनी विषयों पर मार्गदर्शन प्रदान किया गया, ताकि वे समाज के कमजोर वर्गों की मदद कर सकें और न्याय को हर व्यक्ति तक पहुंचा सकें।