पाकुड़। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा), रांची के निर्देशानुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए), पाकुड़ के तत्वावधान में 90 दिवसीय आउटरीच सह विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, डीएलएसए, पाकुड़, शेष नाथ सिंह के निर्देश और सचिव अजय कुमार गुड़िया के मार्गदर्शन में किया गया।
जागरूकता अभियान के प्रमुख केंद्र
कार्यक्रम के तहत पाकुड़ सदर के रंडांगा, न्यू अंजना, रहसपुर और पाकुड़िया प्रखंड के डोमिनगड़िया व खाकसा में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गईं। इन स्थानों पर पैरा लीगल वॉलंटियर्स (पीएलवी) ने सक्रिय रूप से भाग लिया। जागरूकता अभियान में भाग लेने वाले प्रमुख पीएलवी में याकूब अली, सायेम अली, मैनुल शेख, किंग्सुक नाग, मलिका सरकार, और मोकमाउल शेख शामिल थे।
कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य
इस जागरूकता कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विधिक सेवाओं और विभिन्न कानूनी योजनाओं के बारे में जनता को जागरूक करना था।
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- निशुल्क कानूनी सहायता: लोगों को डीएलएसए से मिलने वाली निशुल्क कानूनी सेवाओं और उनके अधिकारों की जानकारी दी गई।
- बाल श्रम से नुकसान: बाल श्रम के खतरों और इससे बच्चों के भविष्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों के बारे में बताया गया।
- अनाथ बच्चों की स्पॉन्सरशिप योजनाएं: अनाथ बच्चों को मिलने वाली स्पॉन्सरशिप योजनाओं और उनके लाभों की जानकारी दी गई।
विधिक जानकारी और योजनाओं का प्रचार-प्रसार
पीएलवी ने अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर लोगों को कानूनी अधिकार, सरकारी योजनाओं, और कानूनी सहायता प्राप्त करने की प्रक्रिया के बारे में जागरूक किया। उन्होंने महिलाओं, बच्चों और गरीब वर्ग के लोगों को उनके अधिकारों की रक्षा के लिए उपलब्ध कानूनी उपायों के बारे में विस्तार से बताया।
बाल श्रम और अनाथ बच्चों पर विशेष ध्यान
कार्यक्रम के दौरान बाल श्रम पर रोक लगाने के महत्व पर चर्चा की गई। बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर बाल श्रम के गंभीर प्रभावों को समझाया गया। इसके अलावा, अनाथ बच्चों के लिए उपलब्ध स्पॉन्सरशिप योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया गया कि कैसे ये योजनाएं उनके जीवन को सुधारने में मदद कर सकती हैं।
सामाजिक सहभागिता का आह्वान
इस कार्यक्रम में स्थानीय समुदाय से सक्रिय सहयोग और सहभागिता का आह्वान किया गया। पीएलवी ने ग्रामीणों से अपील की कि वे अपने अधिकारों और उपलब्ध योजनाओं का लाभ उठाएं। साथ ही, उन्होंने बाल श्रम, घरेलू हिंसा और अन्य सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया।
आउटरीच कार्यक्रम की विशेषता
90 दिवसीय यह आउटरीच कार्यक्रम अपने व्यापक दृष्टिकोण और जमीनी स्तर पर जागरूकता लाने के लिए महत्वपूर्ण है। इस पहल से समाज के कमजोर और वंचित वर्गों को न केवल उनकी कानूनी समस्याओं का समाधान मिलेगा, बल्कि उन्हें न्याय और समानता का अहसास भी होगा।
समाप्ति और भविष्य की योजनाएं
कार्यक्रम के अंत में लोगों को आश्वासन दिया गया कि इस तरह के जागरूकता अभियान नियमित रूप से आयोजित किए जाते रहेंगे। डीएलएसए ने जनता को निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने के अपने दायित्व को दोहराया और उन्हें हर संभव सहायता देने का संकल्प लिया।