पाकुड़। जिला समाज कल्याण शाखा के तत्वावधान में जिला सूचना भवन सभागार में “पोषण भी, पढ़ाई भी” विषय पर एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में पाकुड़ और हिरणपुर बाल विकास परियोजना की कुल 100 आंगनबाड़ी सेविकाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन उपायुक्त एवं विशेष कार्य पदाधिकारी त्रिभूवन कुमार सिंह, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी बसंती ग्लाडियस बाड़ा और जिला जनसंपर्क पदाधिकारी राहुल कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया।
उपायुक्त ने आंगनबाड़ी सेविकाओं को किया प्रेरित
उपायुक्त ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षण को ध्यानपूर्वक सीखने और अपने आंगनबाड़ी केंद्रों में लागू करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने सेविकाओं से अपील की कि वे अपने कार्य-दायित्वों को ईमानदारी और निष्ठा के साथ पूरा करें। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई कराने के तरीकों को अपनाएं ताकि बच्चे सहजता से चीजों को समझ और पहचान सकें।
स्वेटर वितरण पर चर्चा
प्रशिक्षण के दौरान उपायुक्त ने सेविकाओं से स्वेटर वितरण की स्थिति के बारे में जानकारी ली। सेविकाओं ने बताया कि सभी पात्र बच्चों को शत-प्रतिशत स्वेटर वितरण कर दिया गया है। इस उपलब्धि पर उपायुक्त ने सेविकाओं की सराहना की और कहा कि उनके प्रयासों का परिणाम बच्चों के विकास में दिखना चाहिए।
विज्ञापन
खेल-खेल में बच्चों को सिखाने पर जोर
उपायुक्त ने सेविकाओं को निर्देश दिया कि बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा देने के तरीके अपनाएं। इससे बच्चों को पढ़ाई का बोझ महसूस नहीं होगा और वे रोचक तरीकों से सीखने में रुचि लेंगे। उन्होंने सेविकाओं से बच्चों के खान-पान में गुणवत्ता बनाए रखने की सख्त हिदायत दी ताकि बच्चों का संपूर्ण विकास सुनिश्चित हो सके।
पोलियो अभियान की जानकारी दी गई
प्रशिक्षण कार्यक्रम में 8 दिसंबर से शुरू होने वाले पोलियो अभियान की जानकारी भी दी गई। सेविकाओं को बताया गया कि वे 0 से 5 साल के बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक पिलाना सुनिश्चित करें। उपायुक्त ने कहा कि पोलियो अभियान में सौ फीसदी भागीदारी होनी चाहिए ताकि इस गंभीर बीमारी से बच्चों को बचाया जा सके।
सभी सेविकाओं से समर्पण की अपील
कार्यक्रम के अंत में उपायुक्त ने सेविकाओं से कहा कि उनकी मेहनत का आउटपुट स्पष्ट दिखना चाहिए। उन्होंने सभी से आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को सही पोषण और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने पर विशेष ध्यान देने की अपील की।
कार्यक्रम की सफलता
इस कार्यक्रम के माध्यम से आंगनबाड़ी सेविकाओं को उनके कार्य-दायित्वों और बच्चों की देखभाल के महत्व पर शिक्षित किया गया। उपायुक्त के मार्गदर्शन में सेविकाओं को बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार के लिए नए और प्रभावी तरीके अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।
पोषण और शिक्षा के इस संयुक्त प्रयास से बच्चों का समग्र विकास सुनिश्चित करने की दिशा में जिला प्रशासन का यह प्रयास सार्थक और सराहनीय रहा।