पाकुड़िया (पाकुड़) । प्रखंड के लगडुम पौराणिक वनौषधि चिकित्सा पद्धति का सुदृढ़ीकरण हेतु संघ गठन करने के लिए एक दिवसीय बैठक का आयोजन लगडुम पंचायत भवन मे किया गया।
जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ वैद्य ज्यूस मुर्मू ने की। परंपरागत वनौषधि चिकित्सा पद्धति मे बहुत ही कम
खर्च मे समाज सेवा के भावना से इलाज करते है। जिससे भारत सरकार एवं पिरामल स्वास्थ्य द्वारा काफी सराहना की जा रही है और अंग्रेजी चिकित्सा व्यवस्था पर बोझ कम करने के लिए पौराणिक वनौषधि चिकित्सा पद्धति का सुदृढ़ीकरण किया जाना है।
जनजातीय वैद्य संघ के बैठक मे अलग-अलग मुद्दों प्राचीन आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का विस्तार, रेफरल प्रणाली का निर्धारण, दुर्लभ वनौषधि वाटिका निर्माण एवं मुख्य रूप से आदिवासी उपचार व्यवस्था मे ईलाज चल रहे रोगियों का रेजिस्टर मे संधारण (रख-रखवा) एवं जनजातीय वैद्य संघ बनाने को लेकर विशेष रूप से चर्चा किया गया।
मौके पर पिरामल स्वास्थ्य से अनामय आदिवासी स्वास्थ्य सहयोग कार्यक्रम के पाकुड़ जिला समन्वयक सनीफ अंसारी ने कहा की पौराणिक वनौषधि चिकित्सा पद्धति के सुदृढ़ीकरण हेतु आप सभी उपचार कर्ताओं को एक जुट होकर संघ बनाने की ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है ताकि सरकारी अथवा गैर सरकारी संस्थानो से लाभ मिल सके।
मौके पर जड़ी बूटी उपचार कर्ता ग्रीस बेसरा, शिबधन टुड्डू,रामेश्वर हंसदा, उपचार कर्ता एवं लगडुम पंचायत मुखिया बिमला बास्की मौजूद रहीं।