Monday, December 23, 2024
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जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा आउटरीच सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

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आमड़ापाड़ा प्रखंड में झालसा रांची के निर्देशानुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के तत्वावधान में आमड़ापाड़ा प्रखंड के बासमती सहित अन्य आदिवासी ग्रामीण क्षेत्रों में आउटरीच सह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़, शेष नाथ सिंह के निर्देश पर किया गया। कार्यक्रम के दौरान पैरा लीगल वॉलिंटियर (पीएलवी) चंदन रविदास ने ग्रामीणों को नशीली दवाओं के दुष्प्रभाव, बाल विवाह, बाल श्रम, डायन प्रथा और घरेलू हिंसा जैसे मुद्दों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याण योजनाओं के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी।

महेशपुर प्रखंड में महिलाओं के कानूनी अधिकारों पर जागरूकता

महेशपुर प्रखंड में आयोजित इस अभियान के तहत, पीएलवी ज्योति कुमारी ने महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने घरेलू हिंसा और महिलाओं के खिलाफ अपराधों से बचाव के कानूनी उपायों पर प्रकाश डाला। इसके अलावा, सरकारी योजनाओं से संबंधित आवेदन भी एकत्र किए गए, जिससे ग्रामीण महिलाओं को सीधा लाभ मिल सके।

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पाकुड़िया प्रखंड में ग्रामीणों को विधिक जानकारी

पाकुड़िया प्रखंड के डोमनगढ़िया और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में पीएलवी मलिका सरकार ने जागरूकता अभियान चलाया। उन्होंने ग्रामीणों को उनके विधिक अधिकारों और जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा प्रदान की जाने वाली निशुल्क कानूनी सहायता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में डायन प्रथा और बाल श्रम जैसी कुप्रथाओं के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया।

रहसपुर पंचायत में योजनाओं की जानकारी

पाकुड़ प्रखंड के रहसपुर पंचायत में पीएलवी याकूब अली, सायेम अली और मैनुल शेख ने जागरूकता अभियान के तहत ग्रामीणों को जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा प्रदान की जाने वाली योजनाओं के बारे में अवगत कराया। उन्होंने निशुल्क कानूनी सहायता और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लाभों के बारे में ग्रामीणों को विस्तार से समझाया।

सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ सशक्त कदम

इस जागरूकता अभियान का मुख्य उद्देश्य समाज में व्याप्त बाल विवाह, बाल श्रम, नशीली दवाओं के दुष्प्रभाव, डायन प्रथा और घरेलू हिंसा जैसी समस्याओं के खिलाफ जनजागरूकता बढ़ाना था। इसके साथ ही, ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं और उनके लाभ के प्रति जागरूक कर उन्हें अपने अधिकारों के लिए सशक्त बनाना भी अभियान का अहम हिस्सा था।

ग्रामीणों की सकारात्मक भागीदारी

इस अभियान में ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी देखी गई। लोगों ने इन अभियानों को न केवल सराहा, बल्कि अपनी समस्याओं के समाधान के लिए जानकारी भी प्राप्त की। सरकारी योजनाओं और कानूनी सहायता के प्रति ग्रामीणों का उत्साह बढ़ा, जिससे इस अभियान का उद्देश्य सफल होता दिखा।

जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ द्वारा आयोजित यह जागरूकता अभियान न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में विधिक जानकारी पहुंचाने का माध्यम बना, बल्कि समाज में व्याप्त कुप्रथाओं को समाप्त करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ। यह अभियान ग्रामीण समाज को सशक्त बनाने और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

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