कुड़ापाड़ा मोहल्ले की मां की पुकार पर मिला इंसानियत का जवाब
पाकुड़ के कुड़ापाड़ा मोहल्ले से एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने इंसानियत की भावना को एक नई परिभाषा दी। एक महिला अपने दुर्घटनाग्रस्त बेटे, जिसकी टांग गंभीर रूप से घायल थी, को लेकर समाजसेवी अजहर इस्लाम के पास पहुंची। उसकी आँखों में पीड़ा और उम्मीद साफ झलक रही थी।
दर्द और भरोसे के आधार पर मिला तत्काल सहयोग
उस मां की हालत को देखकर समाजसेवी अजहर इस्लाम ने तत्काल निर्णय लेते हुए इलाज के लिए हरसंभव सहयोग किया। यह एक ऐसा निर्णय था, जो न मान्यता की अपेक्षा करता था, न ही औपचारिकताओं की। सिर्फ एक मां की मौन गुहार और बेटे के जीवन की ज़रूरत ने इंसानियत को जगा दिया।
राजनीति नहीं, सेवा है उद्देश्य: अजहर इस्लाम
पूर्व एनडीए प्रत्याशी और पाकुड़ विधानसभा के समाजसेवी अजहर इस्लाम ने कहा,
“मेरे लिए राजनीति सिर्फ़ कुर्सी तक सीमित नहीं है, बल्कि ज़रूरतमंदों का सहारा बनने का एक माध्यम है।”
उन्होंने यह भी कहा कि उनका प्रयास हमेशा रहा है कि ग़रीब, असहाय और वंचित तबकों को न्याय और मदद मिल सके—बिना भेदभाव और बिना देरी के।
हर जरूरतमंद तक पहुंचे मदद की रोशनी
अजहर इस्लाम लगातार जमीनी स्तर पर सक्रिय रहते हैं और यही कारण है कि जनता का विश्वास उनके प्रति गहराता जा रहा है। वे मानते हैं कि समाज में ऐसे बहुत से लोग हैं, जो मदद के लिए किसी दरवाजे पर दस्तक देने की हिम्मत नहीं जुटा पाते। ऐसे में अगर कोई सामने आए, तो उसे इंसानियत के आधार पर मदद मिलनी चाहिए।
पाकुड़ में उम्मीद का नाम बनते जा रहे हैं अजहर इस्लाम
इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि सच्चे जनसेवक वही हैं, जो सिर्फ चुनावी मौसम में नहीं, बल्कि हर दिन, हर परिस्थिति में जनता के साथ खड़े रहते हैं। अजहर इस्लाम का यह मानवीय कदम एक प्रेरणा है, कि राजनीति सेवा और संवेदना से जुड़ी होनी चाहिए।
“जब उद्देश्य सत्ता नहीं, सेवा हो — तो हर पीड़ा में उम्मीद की किरण दिखाई देती है। और यही एक जनप्रतिनिधि की असली पहचान है।”