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उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2017 में नवाज शरीफ (73) को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य ठहराया था। वर्ष 2018 में ‘पनामा पेपर्स’ मामले में उच्चतम न्यायालय ने नवाज को आजीवन सार्वजनिक पद संभालने के लिए अयोग्य ठहराया था
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने सांसदों की अयोग्यता की अवधि को आजीवन की जगह पांच साल तक सीमित करने वाला एक विधेयक रविवार को पारित किया।
इससे संभवत: इस साल होने वाले आम चुनाव में नवाज शरीफ के सक्रिय राजनीति में लौटने का रास्ता साफ हो सकता है और वह लंदन से वापस स्वदेश आ सकते हैं।
उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2017 में नवाज शरीफ (73) को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य ठहराया था। वर्ष 2018 में ‘पनामा पेपर्स’ मामले में उच्चतम न्यायालय ने नवाज को आजीवन सार्वजनिक पद संभालने के लिए अयोग्य ठहराया था।
चुनाव (संशोधन) विधेयक 2023 का उद्देश्य सांसदों को अयोग्यता की अवधि को कम करने के अलावा पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) को राष्ट्रपति से परामर्श किए बिना चुनाव तारीखों की घोषणा करने का अधिकार देना भी है।
इस विधेयक को उच्च सदन सीनेट ने 16 जून को पहले ही मंजूरी दे दी थी। कानून बनने के लिए विधेयक को राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित किया जाना है।
जियो न्यूज की खबर के अनुसार, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थित राष्ट्रपति आरिफ अल्वी हज करने के लिए देश से बाहर हैं, इसलिए सीनेट के अध्यक्ष सादिक संजरानी ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला है और संभवत: वह बिना समय बर्बाद किए विधेयक का अनुमोदन करेंगे।
माना जा रहा है कि कानून बनने के बाद शरीफ की आजीवन अयोग्यता समाप्त हो जाएगी, जिससे उनके देश लौटने और अक्टूबर में संभावित आम चुनाव से पहले सक्रिय राजनीति में फिर से शामिल होने का रास्ता साफ हो जाएगा।
हालांकि, सक्रिय राजनीति में आने से पहले शरीफ को अब भी भ्रष्टाचार के दो मामलों में उनके खिलाफ दिये गए फैसले पलटवाने होंगे।
Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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