Monday, March 3, 2025
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राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए पीडीजे ने की अहम बैठक

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8 मार्च को होगी राष्ट्रीय लोक अदालत, अधिक से अधिक पक्षकारों को मिलेगा लाभ

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा), नई दिल्ली एवं झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा), रांची के निर्देशानुसार आगामी 8 मार्च 2025 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाना है। इस लोक अदालत को सफल बनाने और अधिक से अधिक पक्षकारों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ शेष नाथ सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में भूमि अधिग्रहण एवं राजस्व मामलों से संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया।

लोक अदालत के प्रभावी संचालन पर किया गया विचार-विमर्श

यह बैठक पीडीजे कक्ष में आयोजित की गई, जिसमें लोक अदालत के तहत अधिक से अधिक मामलों के निष्पादन को लेकर चर्चा की गई। बैठक में उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे संबंधित मामलों में अधिकतम पक्षकारों को लोक अदालत का लाभ दिलाने के लिए प्रयास करें। इसके लिए न्यायालय एवं प्रशासन के बीच सहयोगात्मक रणनीति अपनाने की बात कही गई।

अधिक से अधिक मामलों के निपटारे पर जोर

लोक अदालत में विवादों को सुलह-समझौते के आधार पर निपटाने की प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिससे पक्षकारों को जल्द और नि:शुल्क न्याय मिलता है। बैठक में इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि लोक अदालत के दौरान ज्यादा से ज्यादा मामलों का निष्पादन किया जाए, ताकि आम जनता को त्वरित न्याय मिल सके। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे लंबित मामलों की सूची तैयार करें और संबंधित पक्षकारों को अदालत में आने के लिए प्रेरित करें।

विभिन्न विभागों के अधिकारियों को दिए गए दिशा-निर्देश

इस बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ के सचिव अजय कुमार गुड़िया सहित भूमि अधिग्रहण, राजस्व एवं अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे लोक अदालत को सफल बनाने के लिए अपने-अपने विभागों से संबंधित मामलों का आंकलन करें और सम्भावित मामलों की सूची तैयार करें।

लोक अदालत के माध्यम से पक्षकारों को मिलेगा शीघ्र न्याय

बैठक में लोक अदालत के महत्व को रेखांकित करते हुए यह बताया गया कि यह अदालत आम जनता को तेजी से न्याय दिलाने का एक प्रभावी माध्यम है। इसमें लंबित एवं पूर्व में दाखिल मामलों का सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटारा किया जाता है। खासतौर पर राजस्व विवाद, भूमि अधिग्रहण, पारिवारिक विवाद, बैंक ऋण से जुड़े मामले, श्रम विवाद, मोटर दुर्घटना मुआवजा मामले आदि लोक अदालत में तेजी से निपटाए जाते हैं।

लोक अदालत को लेकर जनता को किया जाएगा जागरूक

लोक अदालत को सफल बनाने के लिए सामान्य जनता के बीच जागरूकता फैलाने पर भी जोर दिया गया। बैठक में यह तय किया गया कि पक्षकारों को लोक अदालत में शामिल होने के लाभों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके लिए प्रचार-प्रसार अभियान चलाया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोग इस अवसर का लाभ उठा सकें और बिना अधिक कानूनी खर्च के अपने विवादों को हल कर सकें।

लोक अदालत को लेकर की जा रही व्यापक तैयारियां

बैठक के दौरान अधिकारियों ने विभिन्न रणनीतियों पर चर्चा की, जिससे लोक अदालत का संचालन अधिक प्रभावी बनाया जा सके। इसमें विभिन्न न्यायालयों के समन्वय, अधिवक्ताओं की भागीदारी, पक्षकारों से संपर्क स्थापित करने, विवादों के त्वरित निष्पादन और प्रशासनिक सहयोग जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार किया गया।

लोक अदालत से मिलेगा न्यायिक प्रक्रिया में सहजता

राष्ट्रीय लोक अदालत, न केवल लंबित मामलों के निपटारे का एक महत्वपूर्ण मंच है, बल्कि यह पक्षकारों को त्वरित और सुलभ न्याय दिलाने का भी एक प्रभावी माध्यम है। इस पहल से न्यायालयों पर मुकदमों का बोझ कम होगा और लोगों को समझौते के आधार पर न्याय प्राप्त होगा। बैठक में अधिकारियों ने लोक अदालत को सफल बनाने के लिए संपूर्ण प्रयास करने की प्रतिबद्धता जताई।

इस महत्वपूर्ण बैठक के माध्यम से जिला प्रशासन और न्यायिक तंत्र ने यह सुनिश्चित किया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिकतम संख्या में मामलों का निपटारा हो, ताकि लोग त्वरित एवं सुलभ न्याय प्राप्त कर सकें।

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