फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत 10 से 25 फरवरी तक शिविरों का आयोजन
पाकुड़ जिला प्रशासन फाइलेरिया और कालाजार जैसी घातक बीमारियों के उन्मूलन के लिए पूरी तरह सक्रिय है। इसी के तहत 10 फरवरी से 25 फरवरी तक फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें जिलेभर में विशेष शिविरों का आयोजन कर लोगों को फाइलेरिया निरोधक दवाओं का सेवन कराया जा रहा है। जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांवों, विद्यालयों और भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थलों को चिन्हित कर वहां विशेष शिविर लगाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग इस अभियान से लाभान्वित हो सकें।
हिरणपुर हाट में शिविर का आयोजन, सैकड़ों लोगों को दवा का सेवन
अभियान के तहत हिरणपुर हाट में प्रखंड विकास पदाधिकारी टुडू दिलीप की देखरेख में विशेष शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में सैकड़ों ग्रामीणों ने फाइलेरिया निरोधक दवाओं का सेवन किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य कर्मियों ने उपस्थित लोगों को फाइलेरिया से होने वाले दुष्प्रभावों, इसके लक्षणों और बचाव के तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
अन्य प्रखंडों में भी अभियान जारी, अधिकारियों की देखरेख में लोगों को दी जा रही दवा
फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को सफल बनाने के लिए महेशपुर और पाकुड़ में क्रमशः प्रखंड विकास पदाधिकारी सिद्धार्थ यादव और समीर अल्फ्रेड मुर्मू के नेतृत्व में शिविरों का आयोजन किया गया। इन शिविरों में ग्रामीणों को दवाओं का सेवन कराया गया और फाइलेरिया से बचाव के उपाय बताए गए।
इसी प्रकार लिट्टीपाड़ा में प्रखंड विकास पदाधिकारी संजय कुमार, अमड़ापाड़ा में प्रमोद कुमार गुप्ता और पाकुड़िया में सोमनाथ बनर्जी के नेतृत्व में भी कई स्थानों पर विशेष शिविर लगाए गए। अधिकारियों ने खुद शिविरों का निरीक्षण किया और लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक किया।
कालाजार उन्मूलन के लिए भी चलाया जा रहा विशेष अभियान
फाइलेरिया उन्मूलन के साथ-साथ कालाजार जैसी जानलेवा बीमारी के खिलाफ भी प्रशासन ने व्यापक अभियान शुरू किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की विशेष टीम ने हिरणपुर प्रखंड के बरमसिया गांव में प्रखंड विकास पदाधिकारी की उपस्थिति में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम चलाया।
इस दौरान ग्रामीणों को कालाजार के लक्षण, बचाव और इलाज से संबंधित जानकारी दी गई। टीम ने बताया कि कालाजार एक संक्रामक रोग है, जो बालू मक्खी (सैंडफ्लाई) के काटने से फैलता है। इस बीमारी से बचने के लिए घर के आसपास साफ-सफाई रखना, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना और यदि कोई लक्षण दिखे तो तुरंत जांच करवाना बेहद जरूरी है।
ग्रामीणों को किया जा रहा जागरूक, स्वास्थ्य विभाग ने दी अहम जानकारियां
स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने गांवों में जाकर लोगों को फाइलेरिया और कालाजार से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक किया। स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि फाइलेरिया और कालाजार जैसी बीमारियों का समय रहते इलाज नहीं होने पर यह गंभीर रूप ले सकती हैं। इसलिए सरकार द्वारा मुफ्त उपलब्ध कराई जा रही दवाओं का सेवन करना अनिवार्य है।
प्रशासन की अपील – सभी लोग दवा का सेवन करें और अभियान को सफल बनाएं
पाकुड़ जिला प्रशासन ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इन शिविरों में पहुंचकर निःशुल्क दवा प्राप्त करें और समय पर इनका सेवन करें। प्रशासन ने लोगों से फाइलेरिया और कालाजार के प्रति जागरूक होने और अपने आसपास के लोगों को भी इस बारे में जानकारी देने की अपील की।
फाइलेरिया और कालाजार उन्मूलन अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, प्रशासन और स्थानीय अधिकारी सामूहिक रूप से कार्य कर रहे हैं।