पाकुड़: झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा), रांची के निर्देशानुसार जिले में नब्बे दिवसीय आउटरीच सह विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए), पाकुड़ के तत्वाधान में किया गया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, डीएलएसए, पाकुड़ शेष नाथ सिंह के निर्देश और सचिव अजय कुमार गुड़िया के मार्गदर्शन में जिले के विभिन्न प्रखंडों में यह अभियान चलाया गया।
मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों पर जागरूकता अभियान
कार्यक्रम के तहत पाकुड़ के नवीनगर क्षेत्र में पीएलवी (पैरा लीगल वॉलंटियर) चंद्रशेखर घोष ने लोगों को मौलिक अधिकारों और मौलिक कर्तव्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों की रक्षा के लिए लोगों को जागरूक होना जरूरी है। साथ ही, उन्होंने संविधान द्वारा नागरिकों को दिए गए कर्तव्यों को निभाने की भी अपील की, ताकि समाज में समरसता और विधि का शासन कायम रह सके।
निशुल्क कानूनी सहायता पर दी गई जानकारी
हिरणपुर प्रखंड में पीएलवी मोलिता कुमारी ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) द्वारा दी जाने वाली निशुल्क कानूनी सहायता के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बताया कि गरीब, वंचित और असहाय लोगों को डीएलएसए के माध्यम से मुफ्त कानूनी सहायता दी जाती है। अगर किसी को न्याय पाने में कठिनाई हो रही हो या वह कानूनी प्रक्रियाओं से अनजान हो, तो वह डीएलएसए से संपर्क कर सकता है।
बाल विवाह और बाल श्रम के दुष्प्रभावों पर चर्चा
पाकुड़िया प्रखंड के डोमनगाड़िया पंचायत में पीएलवी मल्लिका सरकार ने बाल विवाह और बाल श्रम से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बाल विवाह न केवल एक सामाजिक बुराई है, बल्कि यह बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़कों का विवाह करना गैरकानूनी है और ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
इसके अलावा, बाल श्रम के खतरों पर भी चर्चा की गई और बताया गया कि बच्चों से काम करवाना न केवल उनका बचपन छीनता है, बल्कि उनके भविष्य को भी अंधकारमय बना देता है। सरकार इस संबंध में कड़े कानूनों के माध्यम से बाल श्रम पर रोक लगाने के लिए कृतसंकल्पित है।
साइबर अपराध से बचाव के उपाय बताए गए
इस कार्यक्रम के दौरान साइबर अपराध और ऑनलाइन ठगी से बचाव को लेकर भी जागरूक किया गया। पीएलवी ने उपस्थित लोगों को बताया कि ऑनलाइन लेन-देन करते समय सतर्कता बेहद जरूरी है। किसी अनजान व्यक्ति को बैंक से जुड़ी जानकारी साझा न करें और यदि कोई संदिग्ध कॉल या मैसेज प्राप्त होता है, तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर पर इसकी सूचना दें।
विभिन्न योजनाओं की दी गई जानकारी
कार्यक्रम के तहत जिले के अन्य प्रखंडों में संबंधित पैरा लीगल वॉलिंटियर्स ने अपने-अपने क्षेत्रों में विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए। इस दौरान उन्होंने सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और डीएलएसए से मिलने वाली सेवाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
विधिक जागरूकता से समाज को मिलेगा लाभ
इस 90 दिवसीय जागरूकता अभियान का उद्देश्य लोगों को उनके कानूनी अधिकारों और सरकारी योजनाओं की जानकारी देना था, ताकि वे किसी भी प्रकार की परेशानी आने पर उचित कानूनी सहायता प्राप्त कर सकें। डीएलएसए के इस प्रयास से जिले के हजारों लोगों को जागरूकता का लाभ मिला है और वे अपने अधिकारों को समझने में सक्षम हुए हैं।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आगे भी इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक कानूनी सहायता और जागरूकता पहुंचाई जा सके।