Saturday, January 11, 2025
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झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के जन्मदिन पर पौधा वितरण कार्यक्रम का आयोजन

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पाकुड़: झारखंड के पहले मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के जन्मदिवस के अवसर पर पाकुड़ के अटल चौक में एक विशेष पौधा वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व जिलाध्यक्ष अमृत पांडेय ने किया। उनके साथ अजजा मोर्चा प्रदेश मंत्री अनिता मुर्मू, जिला महामंत्री रूपेश भगत, जिला उपाध्यक्ष धर्मेंद्र त्रिवेदी, जिला आईटी संयोजक पार्थ रक्षित, और युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष दीपक साह उपस्थित थे।


जन्मदिन पर पौधारोपण से जुड़ा संदेश

कार्यक्रम के दौरान पौधा वितरण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। जिलाध्यक्ष अमृत पांडेय ने कहा कि बाबूलाल मरांडी का जीवन संघर्ष और प्रेरणा से भरा हुआ है। उन्होंने राजनीति के साथ-साथ समाज सेवा में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है। उनका जन्मदिन पौधा वितरण जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से मनाना एक महत्वपूर्ण पहल है, जो पर्यावरण और समाज के प्रति उनके दृष्टिकोण को दर्शाता है।


शिक्षण कार्य से राजनीति तक का सफर

जिलाध्यक्ष ने बताया कि बाबूलाल मरांडी ने अपने करियर की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में की। कॉलेज के दिनों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ने के बाद उनका झुकाव सामाजिक और राजनीतिक कार्यों की ओर बढ़ा। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में कार्य करते हुए भ्रष्टाचार का विरोध किया और एक घटना के बाद अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया।

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मरांडी ने अपने गांव के प्राथमिक स्कूल में पढ़ाने के दौरान समाज में व्याप्त समस्याओं को नजदीक से देखा। आरएसएस से जुड़ने के बाद उन्होंने समाज सेवा को प्राथमिकता दी और बाद में विश्व हिंदू परिषद के सचिव के रूप में भी कार्य किया।


राजनीति में कदम और संघर्ष का दौर

बाबूलाल मरांडी ने 1991 में पहली बार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन संताल क्षेत्र में शिबू सोरेन के प्रभाव के चलते उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उस समय शिबू सोरेन संताल के सबसे प्रभावशाली नेता माने जाते थे। हालांकि, 1998 का साल उनके जीवन में एक बड़ा बदलाव लेकर आया।


सफलता की कहानी और झारखंड के पहले मुख्यमंत्री का पद

1998 में बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा चुनाव में शिबू सोरेन को हराकर एक बड़ा राजनीतिक उलटफेर किया। उनकी इस जीत ने उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में पहचान दिलाई। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया।

झारखंड के गठन के बाद बाबूलाल मरांडी को राज्य का पहला मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ। उनके नेतृत्व में झारखंड ने विकास की नई दिशा में कदम रखा।


कार्यकर्ताओं ने दी शुभकामनाएं

कार्यक्रम में मौजूद सभी कार्यकर्ताओं ने बाबूलाल मरांडी को उनके जन्मदिवस पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने उनके संघर्ष और सफलता की कहानी को याद करते हुए उन्हें प्रेरणा का स्रोत बताया। पौधा वितरण कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने भाग लिया।


पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता

इस अवसर पर जिलाध्यक्ष ने कहा कि बाबूलाल मरांडी का जीवन केवल राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज और पर्यावरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता भी उतनी ही मजबूत है। उनके जन्मदिन पर पौधा वितरण का उद्देश्य यही संदेश देना है कि समाज और पर्यावरण का संतुलन बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।


यह कार्यक्रम न केवल बाबूलाल मरांडी के जीवन और संघर्ष की याद दिलाता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति समाज को जागरूक करने का एक सफल प्रयास भी था।

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