Sunday, May 11, 2025
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Prabhasakshi Exclusive: Benjamin Netanyahu को Xi Jinping ने क्यों भेजा है निमंत्रण? Israel से दोस्ती क्यों करना चाहता है China?

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि दरअसल चीनी राष्ट्रपति पद पर एक बार फिर काबिज होने के बाद से शी जिनपिंग विश्व राजनीति में भी अपनी भूमिका तलाश रहे हैं। इस क्रम में उन्होंने हाल में कई पुराने दुश्मन देशों को करीब लाने में सफलता हासिल भी की है।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) जी से हमने जानना चाहा कि चीन ने इजराइल के प्रधानमंत्री को निमंत्रण भेजा है। इसे कैसे देखते हैं आप? साथ ही भारत-अमेरिका रिश्तों पर चीन ने कहा है कि देशों के बीच सहयोग से क्षेत्रीय शांति को कमजोर नहीं किया जाना चाहिए। इसे कैसे देखते हैं आप? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि दरअसल चीन चाहता है कि इजराइल से संबंधी सुधरें तो इसका लाभ अमेरिका से संबंधों में सुधार के लिए भी मिले। लेकिन इजराइल चीन की हर चाल को समझता है इसलिए जैसे ही चीन ने इजराइली प्रधानमंत्री को निमंत्रण भेजा, बेंजामिन नेतन्याहू ने इसकी जानकारी अमेरिका को दी। अमेरिका और इजराइल के संबंध दुनिया में सबसे बेहतरीन द्विपक्षीय संबंधों में से हैं। चीन यह भी चाहता है कि इजराइल से संबंध सुधारने के बाद यदि वह फिलस्तीन और इजराइल के बीच कोई समझौता करा पाया तो यह वैश्विक कूटनीति में उसकी एक बड़ी जीत होगी। दरअसल चीनी राष्ट्रपति पद पर एक बार फिर काबिज होने के बाद से शी जिनपिंग विश्व राजनीति में भी अपनी भूमिका तलाश रहे हैं। इस क्रम में उन्होंने हाल में कई पुराने दुश्मन देशों को करीब लाने में सफलता हासिल भी की है।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) जी ने कहा कि जहां तक भारत-अमेरिका संबंधों पर चीन के बयान की बात है तो उसकी बौखलाहट स्वाभाविक ही है। इसलिए चीन ने कहा है कि देशों के बीच सहयोग से न तो क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को कमजोर किया जाना चाहिए, और न ही किसी तीसरे पक्ष को निशाना बनाया जाना चाहिए। चीन की यह प्रतिक्रिया भारत और अमेरिका के बीच हाल ही में हुए विभिन्न रक्षा और वाणिज्यिक समझौतों के परिप्रेक्ष्य में आई है। इन समझौतों में लड़ाकू विमानों के लिए एफ414 जेट इंजनों का संयुक्त उत्पादन एवं सशस्त्र ड्रोन की खरीद शामिल है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, जनरल इलेक्ट्रिक एयरोस्पेस ने घोषणा की है कि इसने भारतीय वायुसेना के हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए)-एमके-द्वितीय तेजस के लिए संयुक्त रूप से लड़ाकू जेट इंजन बनाने के वास्ते हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत ने जनरल एटमिक्स से सशस्त्र एमक्यू-9बी सीगार्जियन ड्रोन खरीदने के अपने इरादे की घोषणा की। ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) जी ने कहा कि यह उन्नत प्रौद्योगिकी भारत की खुफिया, निगरानी और टोही क्षमताओं को बढ़ाएगी। जनरल एटमिक्स का एमक्यू-9 ‘रीपर’ सशस्त्र ड्रोन 500 प्रतिशत अधिक पेलोड ले जा सकता है और पहले के एमक्यू-1 प्रीडेटर की तुलना में इसमें नौ गुना अधिक अश्वशक्ति है। जाहिर है, जब भारत को इतने अहम रक्षा उपकरण मिलेंगे तो चीन बौखलायेगा ही।

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