गंधाईपुर पंचायत भवन से ग्रामीण क्षेत्र तक जागरूकता अभियान
पाकुड़: जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ के तत्वाधान में नब्बे दिवसीय आउटरीच कार्यक्रम के तहत सोमवार को गंधाईपुर पंचायत भवन से ग्रामीण क्षेत्रों तक प्रभात फेरी निकाली गई। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को कानून के प्रति जागरूक करना और उन्हें उनके अधिकारों की जानकारी देना था।
कार्यक्रम का आयोजन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़, शेष नाथ सिंह के निर्देश पर और सचिव अजय कुमार गुड़िया के मार्गदर्शन में किया गया। इस दौरान कानूनी अधिकारों, सामाजिक कुरीतियों और विधिक सहायता सेवाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
कानूनी ज्ञान से सशक्त होंगे ग्रामीण
इस जागरूकता अभियान के दौरान ग्रामीणों को उनके कानूनी अधिकारों और विधिक सहायता सेवाओं की विस्तृत जानकारी दी गई। उपस्थित वक्ताओं ने बताया कि हर नागरिक के लिए अपने अधिकारों की जानकारी होना बेहद जरूरी है।
किसी भी प्रकार की घटना या अन्याय की स्थिति में नागरिक अपने नजदीकी थाना में आसानी से शिकायत दर्ज करा सकते हैं। साथ ही, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से जरूरतमंदों को मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाती है। इस मौके पर कानूनी सशक्तिकरण को लेकर कई अहम बिंदुओं पर चर्चा की गई और ग्रामीणों को कानूनी प्रक्रिया की जानकारी दी गई।
सामाजिक बुराइयों के खिलाफ जागरूकता अभियान
कार्यक्रम के तहत सामाजिक बुराइयों को जड़ से खत्म करने की दिशा में भी जागरूकता अभियान चलाया गया। वक्ताओं ने बाल विवाह, दहेज प्रथा, डायन प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों के दुष्प्रभावों के बारे में ग्रामीणों को बताया और उन्हें इन कुप्रथाओं से दूर रहने की सलाह दी।
- बाल विवाह को गैरकानूनी बताते हुए कहा गया कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़कों का विवाह कानूनन अपराध है।
- दहेज प्रथा के खिलाफ सख्त कानून मौजूद हैं, इसलिए विवाह में दहेज लेना-देना गैरकानूनी है।
- डायन प्रथा जैसी अंधविश्वास से जुड़ी कुप्रथाओं को खत्म करने के लिए समाज को जागरूक होने की जरूरत है।
विधिक सेवा प्राधिकार की पहल से ग्रामीण होंगे लाभान्वित
इस मौके पर प्रखंड स्तर पर कार्यरत पीएलवी (पैरा लीगल वॉलंटियर्स) ने ग्रामीणों को बताया कि विधिक सेवा प्राधिकार कैसे जरूरतमंदों की सहायता करता है।
कार्यक्रम में पीएलवी अमूल्य रत्न रविदास, एजारूल शेख समेत अन्य लोग उपस्थित रहे। वक्ताओं ने कहा कि इस तरह के आउटरीच कार्यक्रम ग्रामीणों को कानूनी रूप से सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ग्रामीणों ने दिखाई जागरूकता में रुचि
कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों ने कानून और सामाजिक मुद्दों से जुड़े सवाल पूछे, जिनका विधिक सेवा प्राधिकार के अधिकारियों और पीएलवी ने विस्तार से उत्तर दिया। ग्रामीणों ने भी ऐसे जागरूकता अभियानों को और अधिक करने की मांग की ताकि वे कानूनी रूप से अधिक जागरूक और सशक्त हो सकें।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार की यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में कानूनी जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। आने वाले दिनों में इस नब्बे दिवसीय अभियान के तहत अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।