निरीक्षण का उद्देश्य और पृष्ठभूमि
पाकुड़। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा), रांची के निर्देश पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) पाकुड़, शेष नाथ सिंह ने सोमवार को पाकुड़ जेल का विस्तृत निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य बंदियों की सुविधाओं, सुरक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाओं एवं विधिक सहायता की वास्तविक स्थिति का आकलन करना था।
बंदियों के वार्ड और सुविधाओं का निरीक्षण
निरीक्षण के दौरान पुरुष एवं महिला वार्ड, रसोईघर, लाइब्रेरी, अस्पताल तथा लीगल एड क्लीनिक का बारीकी से अवलोकन किया गया। न्यायाधीश ने जेल प्रशासन से यह सुनिश्चित करने को कहा कि बंदियों को स्वच्छ भोजन, उचित चिकित्सा सुविधा, शुद्ध पेयजल और मानक स्तर की मूलभूत आवश्यकताएँ समय पर उपलब्ध कराई जाएं।
बंदियों से सीधा संवाद और समस्याओं की जानकारी
निरीक्षण के दौरान न्यायाधीश ने बंदियों से सीधे संवाद कर उनके स्वास्थ्य, इलाज, भोजन की गुणवत्ता, नाश्ते की उपलब्धता और मुकदमों में पैरवी हेतु अधिवक्ता की उपलब्धता से संबंधित जानकारी प्राप्त की। कई बंदियों ने अपने विचार और समस्याएँ साझा कीं, जिन्हें गंभीरता से सुना गया।
सुरक्षा व्यवस्था और सीसीटीवी कैमरों की जांच
जेल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया गया। न्यायाधीश ने जेल में लगे सीसीटीवी कैमरों की स्थिति की जांच की और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सभी कैमरे लगातार सक्रिय एवं कार्यशील रहें, जिससे किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके।
स्वच्छता और स्वास्थ्य पर विशेष जोर
निरीक्षण के दौरान स्वच्छता व्यवस्था को लेकर भी विस्तृत समीक्षा की गई। न्यायाधीश ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि बंदियों के शौचालय और स्नानघर की साफ-सफाई में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। उन्होंने कहा कि स्वच्छ वातावरण बंदियों के स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति को सकारात्मक बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
अधिकारियों और कर्मियों की मौजूदगी
इस अवसर पर प्रभारी सचिव विशाल मांझी, न्यायालय कर्मी राकेश कुमार, नंदलाल पाल, तथा जेलर दिलीप कुमार उपस्थित रहे। सभी ने निरीक्षण में न्यायाधीश का सहयोग किया और जेल की मौजूदा स्थिति की जानकारी दी।
पाकुड़ जेल का यह निरीक्षण न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि न्यायपालिका बंदियों की सुविधाओं, अधिकारों और जीवन स्तर को लेकर सजग है। इस निरीक्षण से उम्मीद है कि जेल प्रशासन में और अधिक पारदर्शिता, अनुशासन और मानवीय दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा।