पाकुड़: स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर पाकुड़ मंडलकारा में जेल अदालत और मेडिकल कैंप का संयुक्त आयोजन किया गया। यह विशेष कार्यक्रम झालसा रांची के निर्देशानुसार और जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ के तत्वावधान में आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य बंदियों को निःशुल्क कानूनी सहायता और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना था।
🏛️ न्यायिक पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण पहल
इस आयोजन का संचालन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ शेष नाथ सिंह के निर्देश पर और सचिव रूपा बंदना किरो की उपस्थिति में किया गया।
न्यायिक पदाधिकारियों ने इस दौरान बंदियों से मुलाकात की और उन्हें कानूनी अधिकारों और न्यायिक प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से बंदियों को मुफ्त अधिवक्ता उपलब्ध कराए जाते हैं ताकि वे न्याय पाने के अपने अधिकार का लाभ उठा सकें।
📜 कानूनी सहायता पर विशेष जानकारी
कार्यक्रम के दौरान बंदियों को यह भी बताया गया कि यदि वे किसी कानूनी मामले में सहायता चाहते हैं, तो वे विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से नि:शुल्क कानूनी सलाह, अधिवक्ता, और अन्य आवश्यक मदद प्राप्त कर सकते हैं। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इस प्रकार की पहल का उद्देश्य समाज के हर व्यक्ति को, चाहे वे जेल में हों, न्याय तक समान पहुंच सुनिश्चित करना है।
🩺 मेडिकल कैंप में स्वास्थ्य जांच
माननीय झालसा के निर्देशानुसार इस अवसर पर एक मेडिकल कैंप भी लगाया गया। इसमें जेल के सभी बंदियों की ब्लड प्रेशर (BP), शुगर लेवल, और अन्य स्वास्थ्य जांच की गई। चिकित्सकों ने आवश्यकतानुसार बंदियों को स्वास्थ्य संबंधी सलाह दी और जरूरतमंदों को दवाएं भी उपलब्ध कराईं।
इस पहल ने न केवल बंदियों को स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता प्रदान की, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि वे समय-समय पर आवश्यक चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठाएं।
👥 अधिकारियों की उपस्थिति
इस अवसर पर न्यायिक पदाधिकारी, जेल प्रशासनिक अधिकारी, और चिकित्सा टीम के सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने इस संयुक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई।
आयोजन के दौरान कानून और स्वास्थ्य — दोनों के महत्व पर जोर दिया गया, ताकि बंदी न केवल अपने कानूनी अधिकारों से परिचित हों, बल्कि शारीरिक रूप से स्वस्थ रहकर जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकें।
स्वतंत्रता दिवस पर विशेष संदेश
यह कार्यक्रम इस बात का प्रतीक रहा कि स्वतंत्रता का अर्थ केवल जेल की दीवारों से बाहर रहना नहीं है, बल्कि ज्ञान, स्वास्थ्य, और अधिकारों के प्रति जागरूक होना भी है। स्वतंत्रता दिवस के इस मौके पर आयोजित जेल अदालत और मेडिकल कैंप ने बंदियों को यह संदेश दिया कि समाज और न्याय व्यवस्था उनकी भलाई के लिए सदैव तत्पर है।