पाकुड़। जिले में 8 दिसंबर (रविवार) से शुरू हो रहे पल्स पोलियो अभियान के तहत शनिवार को एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। यह रैली पुराना सदर अस्पताल से शुरू हुई, जिसे जिला आरसीएच पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार झा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अभियान का उद्देश्य शून्य से पांच साल तक के बच्चों को पोलियोरोधी खुराक पिलाने के प्रति लोगों को जागरूक करना है।
जागरूकता रैली का संदेश
रैली के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस अभियान के तहत 1 लाख 89 हजार 342 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। रविवार को बूथ दिवस के अवसर पर पूरे जिले में इस कार्य को अंजाम दिया जाएगा। इसके लिए जिलेभर में 1093 बूथ बनाए गए हैं। रैली के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि पोलियो जैसी गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए पांच साल से कम उम्र के बच्चों को हर बार पोलियो की खुराक पिलाना अनिवार्य है।
शत प्रतिशत कवरेज का प्रयास
शत प्रतिशत बूथ कवरेज सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें सहिया कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर संदेश पहुंचाना शामिल है। शहरी क्षेत्रों में माइकिंग के जरिए भी लोगों को पोलियो खुराक की महत्ता के बारे में जागरूक किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि पोलियो उन्मूलन के इस अभियान को सफल बनाने के लिए समुदाय के सभी वर्गों का सहयोग आवश्यक है।
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स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की भागीदारी
इस रैली में जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. कौशल कुमार सिंह, एसआरटीएल, डब्लूएचओ के डॉ. संजय कुमार सिंह, सर्विलेंस चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. धारुन प्रसाद, जिला शहरी स्वास्थ्य प्रबंधक विनोद कुमार वर्मा, जिला डाटा मैनेजर प्रताप कुमार, और लोक स्वास्थ्य प्रबंधक फहीम अख्तर ने सक्रिय भागीदारी की। इसके साथ ही, एएनएम, शहरी सहिया, एनसीसी के सदस्य, और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी रैली में उपस्थित थे।
सामुदायिक सहयोग की अपील
डॉ. संजय कुमार झा ने कहा कि यह अभियान केवल स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज के हर व्यक्ति की भागीदारी से ही सफल हो सकता है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को पोलियोरोधी खुराक दिलवाने के लिए बूथों पर ले जाएं। साथ ही, उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि कोई भी बच्चा पोलियो खुराक से वंचित न रहे।
अभियान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के प्रयास
स्वास्थ्य विभाग ने जागरूकता बढ़ाने के लिए कई अन्य कार्यक्रम भी शुरू किए हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सहिया कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर जाकर संदेश पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में माइकिंग के जरिए लोगों को अभियान के बारे में जानकारी दी जा रही है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर घर तक अभियान का संदेश पहुंचे और हर बच्चा इस पहल से लाभान्वित हो।
पोलियो उन्मूलन का राष्ट्रीय लक्ष्य
पोलियो उन्मूलन का यह अभियान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम भारत में पोलियो के उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में इस तरह के अभियानों के माध्यम से पोलियो के मामलों में भारी कमी आई है, लेकिन अभी भी जागरूकता और सतर्कता बनाए रखना जरूरी है।
जिले में आयोजित जागरूकता रैली ने पल्स पोलियो अभियान की सफलता के प्रति एक सकारात्मक संदेश दिया। इस अभियान के तहत 1 लाख 89 हजार 342 बच्चों को कवर करने का लक्ष्य है, और इसे सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है। जागरूकता रैली ने यह सुनिश्चित किया कि समुदाय के हर वर्ग तक अभियान का संदेश पहुंचे और पोलियो उन्मूलन के राष्ट्रीय लक्ष्य में योगदान दिया जा सके।