पाकुड़। एलिट पब्लिक स्कूल में दिवाली के शुभ अवसर पर एक भव्य रंगोली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर विद्यालय के सभी छात्रों और छात्राओं ने अपनी रचनात्मकता और प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए विभिन्न प्रकार की रंगोली बनाई। हर रंगोली ने अपने भीतर एक कहानी समेटे हुए थी, जो त्योहार के आनंद और उत्साह को दर्शा रही थी। छोटे बच्चों ने भी इस कार्यक्रम में अपनी भागीदारी से शोभा बढ़ाई, जिससे कार्यक्रम और भी आकर्षक बन गया।
बच्चों में उत्साह का संचार
कार्यक्रम के दौरान बच्चों में एक अद्भुत उत्साह देखा गया। सभी बच्चे एक-दूसरे को उत्साहित कर रहे थे और रंगोली बनाने में मन लगाकर जुटे हुए थे। रंगों की महक और त्योहार की खुशबू ने पूरे वातावरण को खुशनुमा बना दिया। उनके चेहरे पर खुशी और गर्व साफ नजर आ रहा था, जैसे उन्होंने न केवल रंगोली बनाई हो, बल्कि दिवाली की खुशियों को भी अपने अंदर समेट लिया हो।
विद्यालय प्रशासन का योगदान
कार्यक्रम में उपस्थित थे निदेशक अरविंद साह, प्राचार्य अभिजित रॉय और सभी शिक्षकगण। निदेशक ने बच्चों की मेहनत और रचनात्मकता की सराहना की। उन्होंने कहा, “बच्चों की यह मेहनत हमें यह याद दिलाती है कि कला केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि यह हमारे भावनाओं और संस्कृति को व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है।”
प्राचार्य का दिवाली का संदेश
प्राचार्य अभिजित रॉय ने इस अवसर पर बच्चों को दिवाली के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “दिवाली केवल दीप जलाने का त्योहार नहीं है, बल्कि यह सकारात्मकता, समृद्धि, और एकता का प्रतीक है।” उन्होंने छात्रों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी और बताया कि यह त्योहार हमें प्रकाश और ज्ञान की ओर ले जाने का संदेश देता है।
दिवाली और लक्ष्मी पूजा की शुभकामनाएं
कार्यक्रम के अंत में, निदेशक ने सभी शिक्षकगण और विद्यालय परिवार को “दिवाली और लक्ष्मी पूजा” की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि यह त्योहार हमें एकजुट होकर खुशियाँ मनाने और एक-दूसरे के साथ प्रेम एवं सद्भावना से रहने का अवसर प्रदान करता है। इस प्रकार, एलिट पब्लिक स्कूल में दिवाली का यह रंगोली कार्यक्रम एक यादगार और प्रेरणादायक अनुभव रहा, जिसने सभी के दिलों में उत्साह और आनंद भर दिया।
इस प्रकार, एलिट पब्लिक स्कूल में दिवाली के उपलक्ष्य में आयोजित रंगोली कार्यक्रम ने न केवल बच्चों की रचनात्मकता को उजागर किया, बल्कि यह विद्यालय के एकजुटता और सामूहिक उत्साह का प्रतीक भी बना। इस तरह के आयोजन बच्चों को अपनी सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूक करते हैं और उन्हें सकारात्मकता और मिलनसारिता का महत्व समझाते हैं। आशा है कि भविष्य में ऐसे और भी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिससे बच्चों में रचनात्मकता और उत्साह का संचार होता रहे।