आईं आजु बंगाल के दूगो बिसेस व्यंजन के बारे में जानल जाउ. काहें से कि एकर चर्चा के बिना बंगाली खान- पान के आनंद अधूरा मानाला. ई त रउरा सब जानते बानी कि मिठाई का मामला में बंगाल के कौनो जबाब नइखे. अद्भुत- अद्भुत सवाद वाली मिठाई. हल्का मीठ से लेके टनकार मीठ तक. बाकिर ढेर मिठाई हलुके मीठ, चरम आनंद देबे वाली रहेली सन. आ “सूक्तो” एगो अद्भुत स्वास्थ्य वर्द्धक तरकारी ह, जौन रउरा के तरोताजा राखी. एह लेख में मीठा आ नमकीन दूनों व्यंजन आ गइल बा.
ई बतावे के पहिले कि मालपुआ भा सूक्तो कइसे बनेला, कुछ आनंददायक बात जानल जरूरी बा. ढेर लोग तरकारी खाइ के मालपुआ खाला. बाकिर जेकरा नमकीन आ मीठ एकसंगे खाए के आदत बा, हालांकि अइसन बहुते कम आदमी बाड़े, ऊ एक कौर खूब पातर काटल आलू के नमकीन भुजिया खा के तुरंते एक टुकड़ा मालपुआ के आनंद लेले. कुछ आदमी भोजन के रूप में खाली आलू के कुरकुर भुजिया आ मालपुआ पारापारी दबा के खाए के मजा लेला. त आईं पहिले मालपुआ के सवाद में डूबल जाउ. भोजपुरिया पुआ आ बंगाली पुआ में अंतर का होला? त भोजपुरिया पुआ रोटी बनावे वाला आटा से बनेला आ बंगाली मालपुआ मैदा से. एही से बंगाली मालपुआ खाए में कुरकुर रहेला. त बंगाली मालपुआ बनेला कइसे? एक कप आटा, एक कप सूजी, एक चम्मच चीनी, चीनी के चाशनी, दूध के मलाई, आधा चम्मच नमक, इलायची पाउडर. कुल चीज मिक्स क लीं. एइजा ध्यान देबे के बात बा कि बंगाली मालपुआ में तनकी भर नमक परेला. बाकिर जदि रउरा आटा, सूजी, पीसल इलायची आ एक चम्मच चीनी के पानी से ना, दूध से मिक्स करेके चाहतानी त नमक ना परी.
त मान लीं पानी से बनावतानी. त एह मिक्सचर के कड़ा नइखे करेके. गाढ़ घोल बनावे के बा. एह घोल के नई पीढ़ी “बैटर” कहतिया. एह घोल के खूब फेंटे के बा. जतने फेंटब, ओतने बढ़िया पुआ फूली. फेंटि लिहला का बाद एह घोल के कौनो बर्तन भा मोट कपड़ा से ढंकि के पंद्रह मिनट छोड़ दीं. पंद्रह मिनट बाद फेर एह घोल के फेंटीं. एकरा बाद एगो कलछुल में एह घोल के गरम घीव के कराही में डाल दीं. खूब फूलल- फूलल पुआ बन जाई. एह पुआ के तुरंते पहिले से बनल चीनी के चाशनी में डालत जाईं. जब पुआ चाशनी सोख लेता त बाहर निकालि के दूध के मलाई का संगे आनंद लीं. भा भोजन का बाद डेजर्ट के रूप में खाईं. भा भोजन का संगे- संगे खाईं. कुछ लोग मलाई का बदले मालपुआ के रसमलाई के रस में डुबा के खाला.
जब खात- खात मन तृप्त हो जाला त ओह आदमी के चेहरा आ आंख पर गौर करीं. एगो अद्भुत आनंद आ नशा के संगम देखे के मिली. लागी कि ई आदमी सवाद से मातल बा. आनंद के लहर में डूबत- उतराता. आंख आधा खुलल बा. कबो ना कबो रउरो सुस्वादु भोजन का बाद एह अवस्था में गइल होखब.
अब आईं सूक्तो के सवाद लिहल जाउ. सूक्तो एक तरह के मिक्स तरकारी ह. बाकिर ओकरा के बिसेस तरीका से बनावल जाला. ई बहुते स्वास्थ्यवर्द्धक तरकारी कहाला. एकर सामग्री रहेला- एगो आलू, दू गो कच्चा केला, दू गो करैला, दू गो बैगन, चार- पांच गो सेम, एगो कंद (स्वीट पोटैटो), एगो कच्चा पपीता के आधा भाग, सहिजन के पांच- छव गो डंठल, छोट कटोरी के आधा पीसल अदरक, एतने पीसल सरसो के बीज, एतने बारीक कद्धूकस कइल नारियल, चार गो दाल के बरी, तेजपत्ता, पंचफोरन, आधा चम्मच मैदा, 100 ग्राम दूध आ एक चम्मच चीनी. 100 ग्राम माने तीन- चौथाई कप दूध में मैदा के मिला के रख दीं. खड़ा पंचफोरन के खल में कूट के खूब बारीक क लीं.
आलू, केला, सहिजन, पपीता आ कंद के छील के तनी बड़े साइज में काट दीं, सेम, बैगन, करैला वगैरह के भी ओहीतरे काट दीं. एह कुल काटल तरकारी के कराही में डालि के ओकरा में पांच ग्राम के करीब नमक पहिलहीं डाल दीं. ओकरा बाद आधा लीटर से तनी बेसी करीब 600 ग्राम पानी डाल दीं. एह कुल तरकारी के 15 मिनट मीडियम आंच पर पकाईं, बाकिर तरकारी के कलछुल से चलावत रहीं. पंद्रह मिनट का बाद कराही उतार दीं आ बांचल पानी के बांस के छैंटी/ दउरी से छान लीं. छानल पानी बड़ा पौष्टिक बा. अब एगो कराही में 60 ग्राम के करीब शुद्ध घी डालीं आ घीव गरमा जाउ त ओही में दाल के बरी तल लीं. बरी तल के अलगा राखि दीं. फेर अलग- अलग करैला, कच्चा केला बाकी कुल तरकारी सोनहुला रंग के होखे तक तल लीं. ध्यान रहे- कुल तरकारी अलग- अलग तले के बा. कुछ चीज तल लिहला का बाद कराही खाली हो गइल. ओकरा बाद तेजपत्ता आ पंचफोरन आ अदरक के पेस्ट के छौंक लगाईं आ कम आंच पर एह फोरन के एक मिनट तक पकावला का बाद तब पीसल सरसों डाल दीं. ओहू के आधा मिनट पकावला का बाद कुल घीव में छानल तरकारी कराही में दीं. सवाद के हिसाब से नमक डाल दीं. तरकारी के मद्धिम आंच पर चलावत रहीं. एकरा बाद नारियल के चूरा डाल दीं. फेर थोरे देर तरकारी के चलावत रहीं. पांच मिनट चलावला का बाद जौन उबालल आ छानल पानी बा ओकरा के डाल दीं. तनी तरकारी पाकि जाउ त अंत में दूध आ एक चम्मच मैदा के मिक्सचर डाल दीं. संगे- संगे एक चम्मच चीनी डाल दीं. पांच मिनट का बाद रउरा तरकारी उतार दीं आ ओकरा में एक चम्मच घीव डाल दीं. सूक्तो तैयार हो गइल. खाईं आ पेट के रोग दूर भगाईं. कहल जाला कि जे हफ्ता में एक दिन सूक्तो खाला, ओकर पेट बरियार रहेला.
त बंगाल के व्यंजन के रेंज बहुते बड़ बा. भोजन अइसन चीज ह कि एकरा में ई ना देखल जाला कि एकर मूल उत्पत्ति कहां से भइल बा, रउरा कहीं के रहे वाला होखीं, फायदेमंद बा भा स्वादिष्ट बा त ओकरा के रसोई में बना के सवाद लेबे के राउप पूरा- पूरा अधिकार बा.
(डिसक्लेमर – लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और ये उनके निजी विचार हैं.)
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