पाकुड़। उपायुक्त मनीष कुमार ने जिले के सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के स्तर को सुधारना और बच्चों के पढ़ाई के परिणाम को बेहतर बनाना था। उपायुक्त ने कहा कि “बच्चों का पढ़ाई का आउटपुट दिखना चाहिए।” उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में पाकुड़ को अग्रसर पंक्ति में लाने का अपना पहला लक्ष्य बताया।
जैक बोर्ड की मॉडल बुकलेट से पढ़ाई पर जोर
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि जैक बोर्ड की मॉडल बुकलेट या दस प्रश्नों की बुकलेट के आधार पर बच्चों को पढ़ाई करवाई जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि पढ़ाई से अधिक महत्वपूर्ण बच्चों का टेस्ट लेना है, जिससे उनकी प्रगति का सही आकलन किया जा सके। उन्होंने प्रधानाध्यापकों से कहा कि जो बच्चे स्कूल में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, उनके नामों की सूची तैयार कर शिक्षा पदाधिकारी को दी जाए।
इंटर स्कूल प्रतियोगिता और ठंड से बचाव के निर्देश
उपायुक्त ने घोषणा की कि जनवरी के प्रथम सप्ताह में इंटर स्कूल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। साथ ही उन्होंने प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया कि कोई भी बच्चा ठंड में बिना स्वेटर के स्कूल न आए। यह सुनिश्चित करना स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी होगी कि सभी बच्चों को स्वेटर उपलब्ध हो।
आईसीटी लैब के संचालन पर विशेष ध्यान
बैठक में आईसीटी लैब के नियमित संचालन को लेकर भी सख्त निर्देश दिए गए। उपायुक्त ने कहा कि सभी आईसीटी लैब को प्रतिदिन संचालित किया जाए, और यदि कोई लैब खराब है तो उसे दो दिन के भीतर ठीक करवा लिया जाए। तकनीकी शिक्षा के माध्यम से बच्चों के कौशल को बढ़ावा देना बैठक का एक अहम बिंदु रहा।
बेहतरीन प्रदर्शन वाले विद्यालयों को ऑडिटोरियम का उपहार
उपायुक्त ने घोषणा की कि हर प्रखंड में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यालय में 200 सीटों वाला ऑडिटोरियम बनाया जाएगा। इससे छात्रों को सह-अकादमिक गतिविधियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन का बेहतर स्थान मिलेगा।
नोटिस बोर्ड और छात्रवृत्ति योजना पर निर्देश
बैठक में सभी विद्यालयों में नोटिस बोर्ड लगाने का भी निर्देश दिया गया। इसके अलावा, प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का लाभ हर छात्र तक पहुंचाने की बात कही गई। उन्होंने प्रधानाध्यापकों से कहा कि “एक भी बच्चा छात्रवृत्ति योजना से छूटना नहीं चाहिए।” साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया कि कोई बच्चा पढ़ाई छोड़कर स्कूल न छोड़े।
ड्रॉपआउट रोकने के उपाय
उपायुक्त ने बच्चों के स्कूल छोड़ने के मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रशासन को बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी और ड्रॉपआउट रोकने के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। शिक्षा से वंचित रहने वाले बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
बैठक में दिए गए निर्देशों से यह स्पष्ट है कि उपायुक्त शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। बच्चों के शैक्षणिक और व्यक्तिगत विकास को प्राथमिकता देते हुए उन्होंने शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को अपनी जिम्मेदारियां निभाने के लिए प्रोत्साहित किया। यह कदम पाकुड़ जिले के शिक्षा स्तर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक साबित होगा।