पाकुड़। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त मनीष कुमार ने पॉलिटेक्निक कॉलेज पहुंचकर माइक्रो ऑब्जर्वर के प्रशिक्षण की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने निर्वाचन प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और माइक्रो ऑब्जर्वर की जिम्मेदारियों को विस्तार से समझाया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर बल दिया कि सभी अधिकारी समय पर अपने दायित्वों का निर्वहन करें और चुनाव प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न करने में योगदान दें।
निर्वाचन प्रक्रिया में माइक्रो ऑब्जर्वर की भूमिका
मनीष कुमार ने बताया कि माइक्रो ऑब्जर्वर का कार्य मतदान के दिन से एक दिन पहले शुरू हो जाता है। उन्हें समय पर डिस्पैच सेंटर पहुंचना होगा और पोलिंग पार्टी के साथ समन्वय स्थापित करना होगा। मतदान केंद्र पर आवश्यक तैयारियों का निरीक्षण करना, मॉक पोल की प्रक्रिया की निगरानी करना, मतदान अभिकर्ताओं की उपस्थिति सुनिश्चित करना और मतदान के दौरान अमिट स्याही तथा मतदाता रजिस्टर की जांच करना उनकी प्रमुख जिम्मेदारियों में शामिल हैं। इसके अलावा, मतदान समाप्ति के बाद रिसीविंग सेंटर तक की प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न करने पर भी जोर दिया गया।
निष्पक्ष और पारदर्शी निर्वाचन का लक्ष्य
निर्वाचन प्रक्रिया को निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने का भारत निर्वाचन आयोग का उद्देश्य है। मनीष कुमार ने कहा कि माइक्रो ऑब्जर्वर की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि वे चुनाव प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे अपनी जिम्मेदारियों का कुशलता पूर्वक निर्वहन करें और चुनाव प्रक्रिया को सफल बनाने में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें।
प्रशिक्षण में उपस्थित अधिकारी
इस मौके पर उप विकास आयुक्त महेश कुमार संथालिया, विशेष कार्य पदाधिकारी त्रिभुवन कुमार सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिता पूर्ति, जिला कृषि पदाधिकारी अरुण कुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी राहुल कुमार और श्रम अधीक्षक रमेश प्रसाद सिंह समेत अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। सभी अधिकारियों ने प्रशिक्षण का जायजा लिया और अपनी-अपनी जिम्मेदारियों के बारे में विस्तार से चर्चा की।