पाकुड़। जिले में सड़क सुरक्षा माह का आयोजन 1 जनवरी से 31 जनवरी तक किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करना है। इसी क्रम में पुराना सदर अस्पताल परिसर से सड़क सुरक्षा जागरूकता रथ को रवाना किया गया। इस कार्यक्रम में महेशपुर के विधायक प्रोफेसर स्टीफन मरांडी, उपायुक्त मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार, डॉ भारती कश्यप, उप विकास आयुक्त महेश कुमार संथालिया और जिला परिवहन पदाधिकारी संजय पीएम कुजूर समेत कई अधिकारी उपस्थित थे।
जागरूकता रथ का उद्देश्य
जागरूकता रथ को रवाना करने का मुख्य उद्देश्य लोगों को सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करना है। यह रथ जिले के विभिन्न हिस्सों में घूमते हुए आम जनता को यातायात नियमों के महत्व और सड़क सुरक्षा उपायों की जानकारी देगा। इस पहल के जरिए वाहन चालकों की लापरवाही के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को कम करने का प्रयास किया जाएगा।
यातायात नियमों के पालन पर जोर
उपायुक्त मनीष कुमार ने इस अवसर पर कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यातायात नियमों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि जागरूकता रथ के माध्यम से लोगों को हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट का उपयोग करने, शराब पीकर वाहन न चलाने और तेज रफ्तार से बचने जैसे महत्वपूर्ण संदेश दिए जाएंगे। इसके अलावा, 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को वाहन चलाने से रोकने के लिए भी लोगों को जागरूक किया जाएगा।
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हिट एंड रन मामलों में मुआवजा वितरण
कार्यक्रम के दौरान हिट एंड रन मामलों में मृतकों के आश्रितों को मुआवजा राशि भी प्रदान की गई। दो मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया। यह पहल प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ ही ऐसे मामलों को रोकने के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक प्रयास है।
स्थानीय क्षेत्रों में अभियान की योजना
जागरूकता रथ पूरे महीने जिले के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण करेगा। यह स्थानीय समुदायों के साथ संवाद स्थापित करते हुए सड़क सुरक्षा संबंधी जानकारी प्रदान करेगा। वाहन चालकों और आम नागरिकों को सुरक्षित ड्राइविंग के महत्व को समझाने के लिए पंपलेट वितरण, वीडियो प्रोजेक्शन और अन्य माध्यमों का भी उपयोग किया जाएगा।
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने का प्रयास
इस पहल के माध्यम से प्रशासन जिले में सड़क दुर्घटनाओं के मामलों को न्यूनतम करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे इस अभियान में सहयोग करें और सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन कर अपनी और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
जिले में यह सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान आने वाले दिनों में एक सकारात्मक बदलाव की उम्मीद करता है। प्रशासन का मानना है कि सामूहिक प्रयासों से सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को नियंत्रित किया जा सकता है और जिले को सुरक्षित बनाया जा सकता है।