पाकुड़। शहर के राज+2 उच्च विद्यालय में शुक्रवार को उपायुक्त मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी संजय पीएम कुजूर, जिला आपूर्ति पदाधिकारी अभिषेक सिंह और सड़क सुरक्षा टीम द्वारा सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अभियान में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
सड़क सुरक्षा के नियमों की जानकारी
उपायुक्त मनीष कुमार और पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को वाहन चलाने के दौरान हेलमेट, सीट बेल्ट और जूते का उपयोग करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने सड़क पर दुर्घटनाओं से बचने के उपायों पर चर्चा करते हुए समझाया कि वाहन चलाते समय मोबाइल, हेडफोन और ईयरबड्स के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
उपायुक्त ने कहा कि शहर में सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण बाइक चालकों द्वारा तेज रफ्तार, ओवरटेकिंग, लापरवाही और बिना हेलमेट वाहन चलाना है। शराब के सेवन के बाद वाहन चलाना, ट्रिपल राइडिंग, और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी भी दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने बच्चों को पढ़ाई को लेकर भी उपयोगी टिप्स दिए और कहा कि सुरक्षित वाहन चलाने की आदतें हमें एक बेहतर नागरिक बनाती हैं।
सावधानी: दुर्घटनाओं से बचने का मूल मंत्र
उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने छात्रों से अपील की कि वे खुद भी ट्रैफिक नियमों का पालन करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा, “सावधानी हटी, दुर्घटना घटी” का सिद्धांत हर समय याद रखें। थोड़ी सी लापरवाही किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। उन्होंने विशेष रूप से मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए वाहन न चलाने और शराब पीकर वाहन चलाने से बचने की सलाह दी।
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ट्रैफिक नियमों का पालन: जीवन को सुरक्षित बनाने का उपाय
जिला परिवहन पदाधिकारी संजय पीएम कुजूर ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करना जरूरी है। उन्होंने छात्रों और शिक्षकों से आग्रह किया कि वे अपने परिवार के सदस्यों को भी इन नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के नियमों का नियमित पालन ही उज्ज्वल भविष्य की कुंजी है।
क्विज प्रतियोगिता और परख प्री टेस्ट का आयोजन
सड़क सुरक्षा अभियान के अंतर्गत क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को टोपी, पेन, नोटबुक जैसे पुरस्कार दिए गए।
इसके साथ ही परख प्री टेस्ट का आयोजन भी किया गया। इस टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने कंबल वितरित किए। इस पहल का उद्देश्य छात्रों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें प्रोत्साहित करना था।
अभियान का महत्व और भविष्य की दिशा
इस अभियान ने न केवल छात्र-छात्राओं बल्कि शिक्षकों को भी सड़क सुरक्षा के महत्व को समझाया। सभी अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि यदि ट्रैफिक नियमों का पालन सख्ती से किया जाए तो सड़क दुर्घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है।
कार्यक्रम के अंत में सड़क सुरक्षा टीम ने उपस्थित सभी लोगों को सड़क पर सुरक्षित रहने के लिए प्रेरित किया और इस जागरूकता को अपने समुदाय में भी फैलाने की अपील की।
यह अभियान सड़क सुरक्षा के प्रति समाज में जागरूकता लाने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। ऐसी पहलें भविष्य में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में सहायक होंगी और समाज को सुरक्षित बनाएंगी।