पाकुड़। परिवहन विभाग और जिला सड़क सुरक्षा कोषांग के संयुक्त प्रयास से शनिवार को ओपन स्काई स्मार्ट स्कूल में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में रोड इंजीनियर एनालिस्ट मो. अजहद अंसारी और आईटी असिस्टेंट अमित कुमार राम ने भाग लिया।
बच्चों को सड़क सुरक्षा सामग्री प्रदान की गई
कार्यक्रम की शुरुआत में बच्चों को सड़क सुरक्षा से संबंधित पत्रिकाएं और पंपलेट वितरित किए गए। इन सामग्रियों में यातायात नियमों और सुरक्षित सड़क उपयोग के बारे में जानकारी दी गई। बच्चों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से यह पहल की गई ताकि भविष्य में वे सड़क पर सुरक्षित रह सकें।
हेलमेट और सीट बेल्ट की अनिवार्यता
अपने संबोधन में मो. अजहद अंसारी ने कहा कि दोपहिया वाहन चलाते समय उच्च गुणवत्ता वाला आईएसआई मार्क हेलमेट पहनना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में सिर में चोट लगने के कारण गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं। इसी तरह, चारपहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य है क्योंकि अधिकांश वाहनों में एयरबैग जैसे सुरक्षा उपकरण केवल सीट बेल्ट लगे होने पर ही प्रभावी रहते हैं।
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यातायात नियमों का पालन जरूरी
कार्यक्रम में बताया गया कि सड़क पर हमेशा गति सीमा का पालन करना चाहिए और तय सीमा से अधिक गति पर वाहन नहीं चलाना चाहिए। इसके अलावा, दूसरे वाहनों से उचित दूरी बनाए रखना और नशीले पदार्थों के सेवन के बाद वाहन न चलाने की भी सख्त सलाह दी गई।
18 वर्ष से कम उम्र में वाहन न चलाने की चेतावनी
बच्चों को मोटर वाहन अधिनियम की महत्वपूर्ण बातें समझाई गईं। बताया गया कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को वाहन चलाने की अनुमति नहीं है। ऐसा करते पकड़े जाने पर वाहन जब्त किया जा सकता है और जुर्माना लगाया जा सकता है। यह कदम बच्चों को यातायात नियमों का पालन करने और सड़क पर अनुशासन बनाए रखने के लिए उठाया गया।
सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े
मो. अजहद अंसारी ने सड़क दुर्घटनाओं के चिंताजनक आंकड़े प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में झारखंड में कुल 5315 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 4173 लोगों ने अपनी जान गंवाई। औसतन, हर दिन झारखंड में 10 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं। यह आंकड़े सड़क सुरक्षा के महत्व को उजागर करते हैं।
सड़क उपयोगकर्ता बनने की शपथ
कार्यक्रम के अंत में सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों को सड़क उपयोगकर्ता बनने की शपथ दिलाई गई। इस शपथ के माध्यम से उन्हें सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने और अन्य लोगों को भी जागरूक करने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
यह कार्यक्रम सड़क सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने का एक प्रभावी प्रयास था। बच्चों को यातायात नियमों का पालन करने, सड़क पर अनुशासन बनाए रखने और सुरक्षित यातायात व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। इस पहल से न केवल बच्चों में बल्कि उनके परिवारों और समुदाय में भी सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।