पाकुड़। जिले के विभिन्न प्रखंडों में मंगलवार को सबकी योजना सबका विकास अभियान (GPDP) के तहत आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का दूसरा दिन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम ग्राम पंचायतों की वार्षिक कार्य योजना तैयार करने और पंचायत प्रतिनिधियों को उनके दायित्वों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।
प्रशिक्षण स्थलों पर गतिविधियां
पाकुड़, लिट्टीपाड़ा, महेशपुर, और पाकुड़िया प्रखंडों के सभागार भवनों में जिला-सह-प्रखंड संसाधन दल ने पंचायत प्रतिनिधियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया।
- पाकुड़ प्रखंड में मुखिया मास्टर ट्रेनर पूर्णेंदु सरकार, प्रखंड समन्वयक आनंद प्रकाश, और मास्टर ट्रेनर अथर जमील ने प्रशिक्षण दिया।
- महेशपुर प्रखंड में मुखिया मास्टर ट्रेनर जॉन जंतु सोरेन और मास्टर ट्रेनर शोराब अली ने नेतृत्व किया।
- लिट्टीपाड़ा प्रखंड में प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी कमल पहाड़िया और आकांक्षी फेलो वंदना कुमारी ने अपने अनुभव साझा किए।
- पाकुड़िया प्रखंड में मुखिया मास्टर ट्रेनर सालोमी बेसरा और सायेम अख्तर ने सत्र आयोजित किए।
पंचायत प्रतिनिधियों और कर्मियों की भागीदारी
इस प्रशिक्षण में पंचायत सचिव, दो वार्ड सदस्य (प्रति पंचायत), वीपीआरपी सदस्य, स्वास्थ्य सहिया, जल सहिया, आंगनबाड़ी सेविका, और पंचायत सहायक ने भाग लिया। उन्हें पंचायत राज व्यवस्था, योजनाओं के चयन और उनके प्रभावी क्रियान्वयन की प्रक्रिया की गहन जानकारी दी गई।
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ग्रामीण विकास में पंचायतों की भूमिका
मास्टर ट्रेनर्स ने बताया कि पंचायतें ग्रामीण भारत के परिवर्तन में अहम भूमिका निभाती हैं। प्रशिक्षण में मनरेगा, बाल विकास, 15वें वित्त आयोग, विद्युत, पेयजल, स्वास्थ्य, और शिक्षा जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा की गई। सत्र के दौरान यह बताया गया कि योजनाओं का चयन ग्राम सभा के माध्यम से किया जाना चाहिए, ताकि समुदाय की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखा जा सके।
पीपीटी के माध्यम से विस्तारपूर्वक जानकारी
आज के सत्र में पीपीटी प्रजेंटेशन के माध्यम से पंचायत राज व्यवस्था, योजनाओं के क्रियान्वयन, और जीपीडीपी (ग्राम पंचायत विकास योजना) तैयार करने की प्रक्रिया को समझाया गया। पेयजल योजनाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य, और वित्तीय वर्ष 2025-26 के वार्षिक कार्य योजना बनाने के तौर-तरीकों पर विशेष जोर दिया गया।
प्रशिक्षण की अवधि और उद्देश्य
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 06 जनवरी 2025 से 08 जनवरी 2025 तक तीन दिनों तक चलाया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य ग्राम पंचायत सहजकर्ता दल के सदस्यों को प्रशिक्षित करना है, ताकि वे पंचायतों की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने और वार्षिक कार्य योजना बनाने में सहयोग कर सकें।
पंचायत प्रतिनिधियों के लिए नई दिशा
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से पंचायत प्रतिनिधियों और कर्मचारियों को योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रक्रिया को समझने में मदद मिलेगी। इसके जरिए ग्राम सभा को सशक्त बनाना और योजनाओं का प्रभावी चयन सुनिश्चित करना संभव होगा।
कार्यक्रम की सफलता में सभी की भागीदारी
इस मौके पर प्रखंड संसाधन दल और पंचायत सहजकर्ता दल के सभी सदस्य उपस्थित रहे। उनकी सक्रिय भागीदारी से यह कार्यक्रम और अधिक प्रभावशाली बन पाया। यह पहल ग्राम पंचायतों को मजबूत बनाने और ग्रामीण विकास में नए आयाम स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।