पाकुड़। विधानसभा आम चुनाव 2024 को लेकर जिले में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए कई विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। स्वीप (सिस्टेमेटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन) कार्यक्रम के तहत मतदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से ये आयोजन किए जा रहे हैं।
संथाल परगना आयुक्त ने दिखाई वर्चुअल वैन को हरी झंडी
समाहरणालय परिसर में संथाल परगना आयुक्त लालचन्द डाडेल, जिला निर्वाचन पदाधिकारी पाकुड़, जामताड़ा के जिला निर्वाचन पदाधिकारी, और पाकुड़, दुमका एवं साहेबगंज के पुलिस अधीक्षकों ने वर्चुअल रियलिटी एलईडी वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस वैन का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में जाकर मतदाताओं को चुनाव और मतदान प्रक्रिया की जानकारी देना है।
तीनों विधानसभा क्षेत्रों में डिजिटल वैन से जागरूकता अभियान
आयुक्त लालचन्द डाडेल ने जानकारी दी कि इस डिजिटल वैन के माध्यम से तीनों विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं को जागरूक किया जाएगा। यह वैन गांव, कस्बों और टोलों में जाकर लोगों तक पहुंचेगी, और वर्चुअल तकनीक के जरिए चुनावी प्रक्रिया और मतदान के महत्व को लोगों तक पहुंचाएगी।
मतदान प्रक्रिया की जानकारी वर्चुअल तकनीक से
डिजिटल वैन में वर्चुअल रियलिटी के माध्यम से मतदान प्रक्रिया का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा, जिसमें मतदाताओं को मतदान के महत्व, चुनावी नियमों, और प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इस तकनीक का उद्देश्य मतदाताओं को सरल और प्रभावी तरीके से जागरूक करना है, जिससे लोग अधिक संख्या में मतदान के लिए प्रेरित हों।
स्वीप कोषांग द्वारा किए गए कार्यों की सराहना
आयुक्त ने स्वीप कोषांग पाकुड़ द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि स्वीप टीम के प्रयासों से लोगों में मतदान के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और जिले में उच्च मतदान प्रतिशत सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। यह प्रयास लोकतंत्र की मजबूती के लिए एक सराहनीय कदम है।
डिजिटल वैन का महत्व और इसके लाभ
डिजिटल वैन का इस्तेमाल मतदाताओं को जानकारी देने के लिए किया जा रहा है। यह वैन इंटरैक्टिव तकनीक से लैस है, जो मतदाताओं को चुनाव प्रक्रिया से जोड़ने और उनके मन में जागरूकता उत्पन्न करने में सहायक होगी। इस प्रयास के माध्यम से प्रशासन का उद्देश्य हर व्यक्ति को मतदान के प्रति अपनी जिम्मेदारी का एहसास कराना है।
गांव-गांव में पहुंचेगी जागरूकता की यह पहल
एलईडी वैन शहर के अलावा गांव-गांव और टोलों में भी जाएगी ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी इस अभियान से जुड़ सकें। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी मतदाता जागरूक हों और वे अपने मत का उपयोग समझदारी से करें।