जिले के सीनियर एडवोकेट जगत नारायण उपाध्याय अपने लिखित पुस्तक संथाल विद्रोह एवं संथाली परंपरा पुस्तक में संथाल जनजाति की सामाजिक व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित किया है। संथाली सामाजिक व्यवस्था में ग्राम प्रधान या मांझी के के शक्ति और फैसले के बारे में उल्लेख की गई है।
पाकुड़। संकल्प यात्रा पर लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र के अमलापाड़ा पहुंचे बाबूलाल ने पाकुड़ कोर्ट के सीनियर एडवोकेट जगत नारायण उपाध्याय उर्फ सुकू बाबू के द्वारा लिखित पुस्तक संथाल विद्रोह एवं संथाली परंपरा का विमोचन किया। एडवोकेट जगत नारायण उपाध्याय सर्वप्रथम बाबूलाल को एक ऐतिहासिक तस्वीरों ने भेंट की तत्पश्चात बाबूलाल ने उनके द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन किया। मौके पर राजमहल विधानसभा के विधायक अनंत ओझा सहित कई पार्टी पदाधिकारी मौजूद थे।
संथाल जनजाति की पारंपरिक व्यवस्था पर आधारित है पुस्तक
सीनियर एडवोकेट जगत नारायण उपाध्याय अपने लिखित पुस्तक संथाल विद्रोह एवं संथाली परंपरा पुस्तक में संथाल जनजाति की सामाजिक व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित किया है। संथाली सामाजिक व्यवस्था में ग्राम प्रधान या मांझी के के शक्ति और फैसले के बारे में उल्लेख की गई है। पुस्तक में परगना प्राणिक गुडे जैसे सामाजिक व्यवस्था की जिक्र की गई है। इस पुस्तक के अंदर से इतिहास में रुचि रखने वाले भास्कर संथाल परगना के सामाजिक व्यवस्था और उससे संबंधित रीति रिवाज के बारे में बहुत ही गहराई से इसमें लिखी गई है निश्चित रूप से इतिहास में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए या पुस्तक कारगर साबित होगी।
पुस्तक में रघुनाथपुर की लड़ाई, अंग्रेज द्वारा नरसंहार, संथाल विद्रोह का संक्षिप्त विवरण, विद्रोहियों द्वारा आत्म समर्पण से इंकार तथा संथाल जनजाति परम्पराओं पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई गयी है।
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