
पाकुड़। राज्य भर में साक्षरता के दर कम देखते हुए राज्य सरकार ने छात्रवृत्ति योजना प्रारंभ की थी। प्रारंभिक चरण में इसकी सीमाएं कम थी। किंतु आज यह छात्रवृत्ति योजना छात्रों के हित में वृहद पैमाने पर चलाए जा रहे हैं। सरकार की मंशा थी कि अधिकांश लोग तंगी हालत के कारण बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ देते हैं। पहले जहां जाति विशेष पर छात्रवृत्ति दी जाती थी। किंतु आज ऐसी बात नहीं रही। अब कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक उचित लाभुकों को छात्रवृत्ति का लाभ दिया जा रहा है। इसके पीछे कारण था कि विद्यार्थी विद्यालय में कम अनूपस्थित होंगे। एक मजबूत शिक्षा प्रणाली का विकास होगा। सरकारी विद्यालयों में छात्र अधिक से अधिक दाखिला लेंगे। इसलिए सरकार ने गरीब और आर्थिक स्थिति से कमजोर सभी विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजना से जोड़ने का काम किया है।
सत्र 2020- 21 में मुख्यमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना की घोषणा की गई थी। जिसमें सामान्य वर्ग अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक अल्पसंख्यक वर्ग के योग्य विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने का प्रस्ताव रखा गया था। जिसमें 1 से 12 तक के सभी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति की राशि प्रदान की गई थी। जो आज भी जारी है।
पाकुड़ जिले में 1152 विद्यालयों में लगभग 2 लाख 17 हजार बच्चे अध्ययनरत हैं। इस संबंध में ताजा आंकड़ा पेश करते हुए जिला कल्याण पदाधिकारी विजन उरांव बताते हैं कि वर्ष 2022 -23 में कुल 113560 छात्र छात्राओं को 1 से लेकर कॉलेज लेबल तक छात्रवृत्ति दिया है।
जिले में कुल 5 आवासीय विद्यालय क्रमशः अनुसूचित जनजाती आवास उच्य विद्यालय हिरणपुर, अनुसूची जनजातीय आवासीय मध्य विद्यालय कुंजबोना लिट्टीपाड़ा, अनुसूची जनजातीय आवास मध्य विद्यालय डुमरचिर आमरापडा, पीटीजी प्रथमिक आवसीय विद्यालय धनगड़ा लिट्टीपाड़ा, अनुसूचित जाति प्रथमिक आवासीय विद्यालय कितझोर पाकुड़ में है। जिसकी सारी सुविधाएं कल्याण विभाग द्वारा की जाती है। इनमें भोजन पानी खाना रख रखाव, बेड, किताब आदि की सुविधा कल्याण विभाग द्वारा प्रदान की जाती है। इसके अलावा जिलेभर में छात्रवृत्ति से संबंधित कई योजनाएं संचालित हैं। झारखंड मुख्यमंत्री मेघा छात्रवृति योजना, ई कल्याण छात्र योजना, खिलाड़ियों के लिए खेल छात्रवृत्ति योजना, सुकन्या योजना आदि विभिन्न नामों से छात्र हित में सरकार छात्रवृत्ति प्रदान कर सहयोग प्रदान कर रही है। इसके अलावा सरकार ने यह भी घोषणा की है कि झारखंड के कोई भी बच्चियां झारखंड से बाहर भी अपनी अच्छी पढ़ाई लिखाई कर रही है और उन्हें आर्थिक सहयोग की आवश्यकता पड़ती है तो सरकार उन्हें हर सहयोग प्रदान कर उनकी पढ़ाई की पूर्ति में मदद करेगी।