Thursday, July 10, 2025
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पटना में गंगा आरती देख भाव विभोर हुए लोग, बोले- महाआरती से मिलता है सुकून

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सच्चिदानंद/ पटना. भारत में गंगा सिर्फ एक नदी नहीं है, यह देवी मां है. गंगा नदी जल के रूप में जीवन देती है. जब आप इसके पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं, तो वही जल पापों को भी दूर कर देता है. गंगा नदी आत्माओं को मुक्ति भी देती है. यह सिर्फ एक नदी नहीं बल्कि पूरी संस्कृति है. मां गंगा की पूजा आरती के रूप में अलग-अलग घाटों पर की जाती है. सबसे खूबसूरत गंगा आरती हरिद्वार और बनारस की मानी जाती है. पूरे भारत से भी लोग वहां गंगा आरती देखने जाते हैं. लेकिन बिहार के लोगों को गंगा आरती देखने के लिए हरिद्वार या बनारस जाने की जरुरत नहीं है, क्योंकि इन्हीं जगहों की तर्ज अब पटना में भी गंगा आरती शूरू हो गई है.

जी हां, पटना का गांधी घाट शाम के समय आस्था का केंद्र बन जाता है. आसपास की फिजाओं में आरती की खुशबू फैल जाती है. हजारों की संख्या में लोग घाट की सीढियों पर बैठ गंगा आरती में शामिल होते हैं और अपनी सारी चिंता और खुशी को भूल कर दुनिया से अलग गंगा आरती की खुबसूरती और भव्यता में लीन हो जाते हैं. हफ्ते में शनिवार और रविवार की शाम के साढ़े 6 बजे से साढ़े 7 बजे तक पटना का गांधी घाट मां गंगा की आराधना में मग्न हो जाता है. हजारों की संख्या में कोई अपने परिवार के साथ तो कोई अपने दोस्तों के साथ गांधी घाट की सीढियों पर बैठ गंगा आरती में शामिल होते हैं.

51 दीपों से महाआरती होती है

पतितपावनी गंगा की लहरों में आरती की प्रतिबंब देख शांति और सुकून का एहसास होता है. गंगा महाआरती के मुख्य पुजारी चिंटू बाबा ने बताया कि गंगा एक प्रत्यक्ष देवी हैं. गंगा आरती करने से पित्रों का कल्याण होता है. पूरे धरती का कल्याण होता है. मोक्षदायनी गंगा की पूजा और आरती से मन को शांति मिलती है. गांधी घाट पर पांच पुरोहितों के द्वारा 51 दीपों से महाआरती की जाती है.

दो दिन के बजाए पूरे सप्ताह हो गंगा आरती

आरती में शामिल एक छात्रा ने बताया कि वह हर शनिवार और रविवार को यहां आती है. पढ़ाई की टेंशन के बीच एक घंटा यहां मन को शांति मिलती है. हफ्ते में दो दिन के बजाय रोज हो तो ज्यादा अच्छा होगा. दूसरी छात्रा ने बताया कि बनारस में जिस तरह की आरती होती है, वैसी ही फीलिंग यहां की आरती से आती है. लोग नाव पर बैठ कर भी आरती देखते हैं. बहुत अच्छा माहौल होता है. यही अगर रोज हो तो बहुत अच्छा होगा.

इस महाआरती के व्यवस्थापक ई. कुमार मयंक ने बताया कि हफ्ते के शनिवार और रविवार को संध्या साढ़े 6 बजे से साढ़े सात बजे तक महाआरती होती है. पहले लोग गंगा आरती देखने के लिए बनारस और हरिद्वार जाते थे, लेकिन पर्यटन विभाग की पहल से अब पटना के गांधी घाट पर भी उसी प्रकार की गंगा महाआरती की अनुभूति होती है. इसमें रोज करीब 10 हजार लोग जुटते हैं.

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