Friday, December 27, 2024
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वीर बाल दिवस: साहिबजादों के बलिदान को समर्पित संगोष्ठी आयोजित

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पाकुड़। सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह के साहसी पुत्र साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह के अतुलनीय बलिदान को समर्पित वीर बाल दिवस के अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष अमृत पाण्डेय की अध्यक्षता में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में दुमका के पूर्व सांसद सुनील सोरेन उपस्थित हुए।


गुरुद्वारा में माथा टेकने पहुंचे कार्यकर्ता

संगोष्ठी के बाद पूर्व सांसद सुनील सोरेन और कार्यकर्ता गुरुद्वारा पहुंचे, जहां उन्होंने सिख समुदाय के लोगों से संवाद किया और श्रद्धा स्वरूप माथा टेका।


वीर बाल दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

संगोष्ठी में पूर्व सांसद सुनील सोरेन ने बताया कि साल 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। यह दिन गुरु गोविंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों की वीरता को याद करता है।

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  • गुरु गोविंद सिंह जी ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी।
  • उनके चार पुत्रों—अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह, और फतेह सिंह—ने खालसा की सेवा में अद्वितीय योगदान दिया।
  • 1705 में मुगलों के अत्याचारों से बचने के लिए गुरु गोविंद सिंह जी को अपने परिवार से अलग होना पड़ा।
  • उनके छोटे साहिबजादों और उनकी पत्नी माता गुजरी को उनके रसोइये गंगू ने लालच में आकर मुगलों को सौंप दिया।

धर्म की रक्षा के लिए बलिदान

पूर्व सांसद ने कहा कि मुगलों ने साहिबजादों पर अमानवीय अत्याचार किए और धर्म परिवर्तन करने का दबाव डाला। साहिबजादों ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया और अपने धर्म की रक्षा करते हुए 26 दिसंबर को जिंदा दीवार में चुनवा दिया गया। माता गुजरी ने भी अपने प्राण त्याग दिए।


भाजपा जिलाध्यक्ष का संबोधन

जिलाध्यक्ष अमृत पाण्डेय ने कहा कि वीर बाल दिवस साहस, बलिदान और धर्मनिष्ठा की प्रेरणादायक गाथा है। साहिबजादों ने धर्म की रक्षा के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी और दिखाया कि धर्म केवल रस्मों-रिवाजों तक सीमित नहीं, बल्कि यह जीवन का अभिन्न हिस्सा है।


प्रदेश मंत्री दुर्गा मरांडी का संदेश

प्रदेश मंत्री दुर्गा मरांडी ने कहा कि मात्र 9 और 6 वर्ष की आयु में साहिबजादों ने अपने प्राणों का बलिदान देकर इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में नाम दर्ज कराया।

  • उनके बलिदान से यह शिक्षा मिलती है कि कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य और दृढ़ता बनाए रखनी चाहिए।
  • वीर बाल दिवस राष्ट्रीय एकता और भाईचारे का प्रतीक है।

कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य

कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री रूपेश भगत ने किया।
इस दौरान जिला उपाध्यक्ष धर्मेंद्र त्रिवेदी, किसान मोर्चा प्रमंडलीय प्रभारी रामचंद्र साहा, नगर अध्यक्ष सोहन मंडल, गांधाईपुर मंडल अध्यक्ष मनोरंजन सरकार, दादपुर मंडल अध्यक्ष सुशांत घोष, दलाल सिंह, और अश्वनी झा सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


वीर बाल दिवस के इस आयोजन ने साहिबजादों के बलिदान को याद कर धर्म और निष्ठा के प्रति प्रेरणा दी। यह दिवस हमें धर्म, साहस, और एकता की भावना को मजबूत करने का संदेश देता है।

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