Sunday, July 6, 2025
HomePakurडॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर संगोष्ठी — राष्ट्रवाद और एकता...

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर संगोष्ठी — राष्ट्रवाद और एकता के आदर्शों को किया गया नमन

देश प्रहरी की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें

अपर्णा मार्केट कॉम्प्लेक्स में आयोजित हुआ भव्य कार्यक्रम

पाकुड़ में आज भारतीय जनसंघ के संस्थापक और देश के प्रथम उद्योगमंत्री डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर अपर्णा मार्केट कॉम्प्लेक्स में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष अमृत पाण्डेय ने की, जिसमें प्रदेश मंत्री सरोज सिंह एवं प्रदेश मंत्री दुर्गा मरांडी मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए।


प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दी गई श्रद्धांजलि

संगोष्ठी की शुरुआत से पूर्व टीन बंगला मार्केट कॉम्प्लेक्स स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर प्रदेश मंत्री सरोज सिंह और दुर्गा मरांडी ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस भावपूर्ण क्षण ने उपस्थित लोगों को राष्ट्रवाद और त्याग की भावना से ओतप्रोत कर दिया।


सरोज सिंह ने मुखर्जी को बताया राष्ट्र निर्माण का प्रेरणास्रोत

मुख्य वक्ता सरोज सिंह ने डॉ. मुखर्जी के राष्ट्र निर्माण में दिए अतुलनीय योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि वे केवल एक प्रखर विचारक ही नहीं, बल्कि एक महान कर्मयोगी भी थे। उन्होंने देश की एकता और अखंडता को सर्वोपरि मानते हुए अपना पूरा जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया। उनके अनुसार, डॉ. मुखर्जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि हम अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन कर राष्ट्र सेवा में अपना योगदान दे सकते हैं।


दुर्गा मरांडी ने बताया उन्हें भारतीय राष्ट्रवाद का स्तंभ

प्रदेश मंत्री दुर्गा मरांडी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन को भारतीय राष्ट्रवाद और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनसंघ की स्थापना कर उन्होंने भारतीय राजनीति को नई दिशा दी और कश्मीर के विशेष दर्जे के खिलाफ अविचल संघर्ष किया। वे एक दृढ़ नायक थे, जिनके संघर्ष और सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं।


अमृत पाण्डेय ने मुखर्जी के ‘एक विधान, एक प्रधान, एक निशान’ के विचार को बताया अमर

जिलाध्यक्ष अमृत पाण्डेय ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ. मुखर्जी को ‘एक विधान, एक प्रधान, एक निशान’ विचारधारा का अग्रदूत बताया। उन्होंने कहा कि 2019 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया, तब डॉ. मुखर्जी का वह सपना साकार हुआ, जो उन्होंने दशकों पहले देखा था। उन्होंने शिक्षा, उद्योग और सामाजिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधारों की वकालत की और उनके विचार आज भी देश के लिए मार्गदर्शक हैं।


मंच संचालन रूपेश भगत ने निभाई जिम्मेदारी

कार्यक्रम का सफल मंच संचालन जिला महामंत्री रूपेश भगत द्वारा किया गया, जिन्होंने वक्ताओं और आगंतुकों के बीच संवाद स्थापित कर कार्यक्रम को संगठित और प्रभावशाली बनाया।


कई गणमान्य और पार्टी कार्यकर्ता रहे उपस्थित

इस संगोष्ठी में मनीष पाण्डेय, अनिता मुर्मू (अजजा मोर्चा प्रदेश मंत्री), मंडल अध्यक्ष सुशांत घोष, मनोरंजन सरकार, सोहन मंडल, अनुग्रहित प्रसाद साह, पूर्व जिलाध्यक्ष विवेकानंद तिवारी, जिला उपाध्यक्ष विजय भगत, धर्मेंद्र त्रिवेदी, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष शबरी पाल, अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष मो. राजा, युवा मोर्चा नगर अध्यक्ष रतन भगत, अजीत रविदास, मोहन मंडल, सपन दुबे, हिसाबी राय, दुलाल सिंह, पवन भगत, राणा शुक्ला, पार्वती देवी, संजीव साह, प्राची चौधरी, निधि गुप्ता, नियति साहा, सादेकुल आलम, बासु मंडल, अनिकेत गोस्वामी, सुशील साह, त्रिलोचन दास, संजीत मुखर्जी, अश्वनी झा, टोनी मंडल समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


विचारों से मिलती है प्रेरणा, कर्म से बनता है राष्ट्र

इस आयोजन के माध्यम से डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के आदर्शों, विचारों और बलिदान को याद कर युवाओं को यह संदेश दिया गया कि देश सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। उनका जीवन आज भी देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जिसे आत्मसात कर भारत को शक्तिशाली और एकजुट राष्ट्र बनाया जा सकता है।

“एक राष्ट्र, एक विचार, एक उद्देश्य — यही है डॉ. मुखर्जी की विरासत, जो आने वाली पीढ़ियों को मार्ग दिखाती रहेगी।”

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments