Thursday, August 14, 2025
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झामुमो के वरिष्ठ कार्यकर्ता गब्रिएल किस्कू का आकस्मिक निधन, नेताओं ने दी श्रद्धांजलि, परिजनों से की मुलाकात

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वरिष्ठ कार्यकर्ता के निधन से झामुमो परिवार में शोक की लहर

पाकुड़ – झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ और सक्रिय कार्यकर्ता गब्रिएल किस्कू के आकस्मिक निधन की खबर से पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई। जैसे ही इस दुखद समाचार की जानकारी मिली, झामुमो जिलाध्यक्ष अजीजुल ईस्लाम और जिला उपाध्यक्ष हाजी समद अली पाडेरकोला के कालाझोर स्थित उनके निजी आवास पहुंचे। यहां उन्होंने शोक व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की और शोकाकुल परिजनों को सांत्वना दी।


दिवंगत गब्रिएल किस्कू को याद कर हुए भावुक

श्रद्धांजलि देते हुए झामुमो जिलाध्यक्ष अजीजुल ईस्लाम और जिला उपाध्यक्ष हाजी समद अली ने कहा कि गब्रिएल किस्कू पार्टी के एक पुराने, सच्चे और समर्पित सिपाही थे, जिन्होंने संगठन को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके निधन से पार्टी को अपूरणीय क्षति हुई है। नेताओं ने कहा कि पार्टी को सशक्त करने की दिशा में उन्होंने जो कार्य किए, उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस कठिन घड़ी में पूरा झामुमो परिवार उनके परिजनों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है


नेताओं और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति

इस मौके पर बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे। इनमें प्रखंड अध्यक्ष श्यामलाल हांसदा, प्रखंड सचिव जहीरुद्दीन मियां, अल्पसंख्यक जिला सचिव दिलीप मरांडी, किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष सनातन हांसदा, हिरणपुर प्रखंड अध्यक्ष इसहाक अंसारी, प्रखंड उपाध्यक्ष थॉमस मुर्मू, लिट्टीपाड़ा प्रखंड उपाध्यक्ष रंजन साहा, जिला कार्यकारिणी सदस्य मंटू भगत, नारायण भगत, जिला मीडिया प्रभारी आफताब आलम, प्रखंड कोषाध्यक्ष संजीत भगत, प्रखंड संगठन सचिव रंजीत पंडित, प्रखंड सह सचिव संतोष भगत, प्रखंड कार्यालय सचिव दीपंकर भगत, बोहड़ा पंचायत अध्यक्ष विनोद किस्कू, अमड़ापाड़ा संथाली पंचायत अध्यक्ष चारलेश मरांडी, वरिष्ठ कार्यकर्ता रवि टुडू, ईस्लाम अंसारी, फिलीप मुर्मू सहित दर्जनों कार्यकर्ता शामिल थे।


गांव और इलाके में शोक का माहौल

गब्रिएल किस्कू के निधन की खबर ने न सिर्फ झामुमो कार्यकर्ताओं को, बल्कि पूरे पाडेरकोला और आसपास के गांवों को भी गमगीन कर दिया। उनके सामाजिक योगदान और मिलनसार स्वभाव के कारण वे स्थानीय लोगों के बीच विशेष लोकप्रिय थे। उनके अचानक चले जाने से एक बड़े शून्य की अनुभूति हो रही है, जिसे भरना आसान नहीं होगा।

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