पाकुड़: सदर अस्पताल सोनाजोड़ी, पाकुड़ में भर्ती गर्भवती महिला रेशमा खातून की स्थिति गंभीर हो गई जब डॉक्टरों ने बताया कि उनके शरीर में खून की भारी कमी है। इस कारण उनके इलाज में काफी कठिनाइयां आ रही थीं और उन्हें तत्काल B+ रक्त की आवश्यकता थी। परिवार के लोग बेहद चिंतित थे और समय पर रक्त न मिलने की स्थिति में गंभीर जटिलताएं हो सकती थीं।
लाइफ सेवियर्स समूह ने बढ़ाया मदद का हाथ
परिजनों ने तुरंत ही लाइफ सेवियर्स समूह (पाकुड़) से मदद की गुहार लगाई। यह समूह जिले में जरूरतमंद मरीजों को रक्त उपलब्ध कराने के लिए कार्यरत है और समय-समय पर रक्तदान शिविर भी आयोजित करता है। सूचना मिलते ही समूह के सदस्य सक्रिय हो गए और उन्होंने किस्मतकदमसर निवासी आलमगीर आलम से संपर्क किया।
आलमगीर आलम ने दिखाया मानवता का परिचय
समूह के आग्रह पर आलमगीर आलम ने तुरंत ही रक्तदान करने की इच्छा जताई और बिना किसी देरी के ब्लड बैंक पहुंचकर रक्तदान किया। उनके इस मानवीय कार्य से गर्भवती महिला को आवश्यक रक्त मिल सका, जिससे उनकी स्थिति में सुधार आया।
रक्तदान के बाद आलमगीर आलम ने कहा कि अगर उनके रक्तदान से किसी की जान बच सकती है, तो वे हमेशा इस नेक कार्य के लिए तैयार रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि लाइफ सेवियर्स समूह (पाकुड़) समाजहित में बेहतरीन कार्य कर रहा है और भविष्य में भी वे इस तरह की सेवा के लिए तत्पर रहेंगे।
समूह के सदस्यों की सक्रियता से बची मरीज की जान
रक्तदान के समय लाइफ सेवियर्स समूह के उपाध्यक्ष साज्जाद अली, गुल मोहम्मद और आजफारूल शेख भी मौजूद थे। इसके अलावा, ब्लड बैंक कर्मचारी पियूष दास ने रक्तदान की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में अहम भूमिका निभाई।
समाज में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत
यह घटना दर्शाती है कि समय पर रक्तदान से किसी की जिंदगी बचाई जा सकती है। रक्तदान को लेकर समाज में अभी भी कई भ्रांतियां हैं, लेकिन अगर ज्यादा से ज्यादा लोग इस नेक कार्य के लिए आगे आएं, तो कई जरूरतमंद मरीजों को जीवनदान मिल सकता है। लाइफ सेवियर्स समूह जैसी संस्थाओं के प्रयासों से जिले में रक्तदान को लेकर जागरूकता बढ़ रही है और लोगों में सेवा की भावना उत्पन्न हो रही है।
ऐसे प्रयासों से समाज में एक सकारात्मक बदलाव आएगा और कोई भी मरीज खून की कमी के कारण अपनी जान नहीं गंवाएगा।