देवघर. मान्यता है कि सावन माह भगवान शिव को अतिप्रिय है. सावन में सोमवारी के अलावा और भी कई व्रत रखे जाते हैं. कल 15 जुलाई को कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को मास शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा. इस दिन चार प्रहर में पूजा की जाती है. इस दिन षोडशोपचार विधि से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. ये बातें देवघर के ज्योतिषाचार्य पंडित नंद किशोर मुदगल ने कहीं.
पंडित नंदकिशोर मुदगल ने लोकल 18 को बताया कि इस साल सावन मास की शिवरात्रि 15 जुलाई को पड़ रही है. 15 जुलाई की रात चतुर्दशी की तिथि की शुरू हो रही है और मास शिवरात्रि की मध्य रात्रि में भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है. यही कारण है कि इस साल सावन माह की शिवरात्रि का व्रत 15 जुलाई को रखा जाएगा. इसके साथ ही अगले दिन 16 जुलाई को पारण होगा.
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि हर साल सावन महीने के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. इस साल सावन माह की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 15 जुलाई रात 8 बजकर 32 मिनट से हो रही है और इसका समापन अगले दिन 16 जुलाई दिन रविवार रात 10 बजकर 2 मिनट पर होगा. वहीं शिवरात्रि को रात के 11 बजकर 55 मिनट से लेकर 12 बजकर 45 मिनट तक शुभ मुहूर्त बताया गया है. इस मुहूर्त में व्रत रखकर भगवान भोलेनाथ की षोडशोपचार विधि से पूजा करने पर भक्त के सारे कष्ट दूर होंगे और सारी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.
शिवरात्रि के बारे में कहा जाता है कि अगर कुंवारी कन्या इस दिन व्रत रखे तो उनको मनचाहा वर मिलता है. विवाह में आ रही सारी रुकावटें दूर होती हैं. शिव पुराण में यह उल्लेख है कि शिवरात्रि के दिन व्रत अवश्य रखना चाहिए. जो भी श्रद्धालु इस दिन व्रत रखते हैं. उनकी इच्छा भगवान भोलेनाथ की कृपा से जरूर पूर्ण होती है.
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