Thursday, June 5, 2025
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झारखंड विकास परिषद की 25वीं वर्षगांठ पर रजत जयंती समारोह धूमधाम से मनाया गया

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संस्था के संघर्ष, उपलब्धियों और सामाजिक बदलाव के 25 वर्ष पूरे होने पर भावनात्मक और प्रेरक आयोजन


दीप प्रज्वलन और केक काटकर रजत जयंती समारोह का शुभारंभ

झारखंड विकास परिषद की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर अमड़ापाड़ा प्रखंड में रजत जयंती समारोह का आयोजन उत्साहपूर्वक किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रमोद कुमार गुप्ता, मनरेगा के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, पंचायतीराज पदाधिकारी, संस्था सचिव सुवासिनी सोरेन, और न्यासी सदस्य तरेसा हांसदा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इसके बाद रजत जयंती के प्रतीकस्वरूप केक काटकर समारोह की शुरुआत की गई।


संघर्ष से उपलब्धि तक की प्रेरक कहानी सुनाई संस्था सचिव सुवासिनी सोरेन ने

संस्था सचिव सुवासिनी सोरेन ने रजत जयंती समारोह को संबोधित करते हुए संस्था की स्थापना से लेकर अब तक के 25 वर्षों की संघर्ष यात्रा को विस्तार से साझा किया। उन्होंने बताया कि संस्था की शुरुआत उस समय हुई थी, जब आदिवासी और पहाड़िया समुदाय की महिलाओं में नेतृत्व का अभाव था। इस चुनौती को स्वीकार करते हुए संस्था ने महिलाओं को सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए निरंतर काम किया।

उन्होंने बताया कि संस्था ने सरकारी योजनाओं से महिलाओं और समुदाय को जोड़ने, आजीविका के साधन उपलब्ध कराने, बाल संरक्षण, जल-जंगल-जमीन के अधिकार, किशोरी और बालिका शिक्षा, स्वास्थ्य और स्थानीय स्वशासन जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है।


बीडीओ ने सराहा संस्था का सामाजिक योगदान

प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रमोद कुमार गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि संस्था के प्रयासों से दुमका, साहिबगंज और पाकुड़ जिले के छह प्रखंडों में सामाजिक बदलाव की मिसाल कायम हुई है। उन्होंने बताया कि संस्था बाल विवाह, महिला हिंसा, बाल तस्करी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर मूलभूत स्तर पर काम कर रही है, और समुदाय को जागरूक कर रही है।

उन्होंने विशेष रूप से संस्था द्वारा समुदायिक श्रमदान के माध्यम से जल, जंगल और जमीन की सुरक्षा को भी महत्वपूर्ण बताया और इसे स्थानीय विकास का अनुकरणीय मॉडल बताया।


संस्था के प्रयासों से जुड़ी 80 से अधिक सक्रिय कार्यकर्ता टीम

न्यासी सदस्य तरेसा हांसदा ने कहा कि संस्था जिस मुकाम पर आज पहुंची है, वह लगातार संघर्ष, निष्ठा, और सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में संस्था से जुड़े 80 से अधिक कार्यकर्ता आदिवासी और पिछड़े वर्ग के आखिरी व्यक्ति तक सेवाएं पहुंचाने में जुटे हुए हैं। इन कार्यकर्ताओं की सक्रिय भूमिका से ही संस्था समाज में मजबूत उपस्थिति दर्ज करा सकी है।


सम्मान समारोह में अतिथियों को किया गया सम्मानित

समारोह के अंत में प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रमोद कुमार गुप्ता, संस्था के बोर्ड सदस्यों एवं अन्य प्रमुख अतिथियों को शॉल और मोमेंटो भेंट कर सम्मानित किया गया। यह सम्मान संस्था की ओर से उनके सहयोग, मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए प्रदान किया गया।


कार्यक्रम में उमड़ा कार्यकर्ताओं का जोश

इस गरिमामय अवसर पर संस्था के वरिष्ठ कार्यकर्ता जैसे मनोरंजन सिंह, जसींता मिंज, फुलमुनी सोरेन, अजय मुर्मू, कैलाश कुमार, मिनी सोरेन, राजीव रंजन, मुकेश तिवारी, रामजनम सहित अनेक कार्यकर्ता एवं स्थानीय लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन फुलमुनी सोरेन के प्रेरणादायी शब्दों के साथ किया गया।


आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण की मिसाल बनी संस्था

झारखंड विकास परिषद की यह रजत जयंती न केवल एक उत्सव, बल्कि संघर्ष और समर्पण की यात्रा का सम्मान थी। संस्था ने बीते 25 वर्षों में जो कार्य किए हैं, वे झारखंड के सामाजिक क्षेत्र में एक मजबूत परिवर्तनकारी प्रयास के रूप में देखे जा रहे हैं। भविष्य में यह संस्था और अधिक व्यापक स्तर पर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में अग्रसर रहेगी।


📌 विशेष टिप्पणी:
इस कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि लगातार प्रतिबद्ध प्रयासों और सामूहिक नेतृत्व के बल पर छोटे समुदायों में भी बड़ा बदलाव संभव है। झारखंड विकास परिषद की यात्रा, आने वाली सामाजिक संस्थाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

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