गर्मी के साथ जल संकट ने बढ़ाई लोगों की चिंता
पाकुड़ जिले में जैसे-जैसे गर्मी का पारा चढ़ रहा है, वैसे-वैसे जल संकट भी दिन-प्रतिदिन गंभीर रूप लेता जा रहा है। खासकर शहरी इलाकों में स्थिति और भी चिंताजनक होती जा रही है। सिंधी पाड़ा मोहल्ला इस समय जल आपूर्ति की भारी समस्या से जूझ रहा है, जहां के निवासियों को पीने के पानी के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
सिंधी समाज का शिष्टमंडल नगर परिषद से मिला
जल संकट के समाधान की मांग को लेकर सिंधी समाज के अध्यक्ष उदय लखमानी के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने पाकुड़ नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अमरेंद्र चौधरी से मुलाकात की। इस शिष्टमंडल में पप्पू गंगवानी, गुल गंगवानी, अर्जन दास और विनोद तिर्थानी जैसे सक्रिय समाजसेवी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने सिंधी पाड़ा की भीषण जल समस्या को अधिकारियों के सामने गंभीरता से उठाया।
स्थानीय बोरिंग की स्थिति बेहद खराब
उदय लखमानी ने बताया कि सिंधी पाड़ा में एकमात्र सरकारी बोरिंग है, जो लगातार खराब मोटर की वजह से लोगों को समय पर पानी उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। उन्होंने कहा कि पानी का स्तर तेजी से नीचे गिर रहा है, जिससे बोरिंग से पानी निकलना भी मुश्किल हो गया है। इस स्थिति में जब मोटर बार-बार खराब हो जाता है, तो लोगों को घंटों पानी का इंतजार करना पड़ता है।
स्थायी समाधान की रखी गई मांग
शिष्टमंडल ने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी से अनुरोध किया कि जल समस्या का स्थायी समाधान किया जाए। उन्होंने मांग की कि या तो नई बोरिंग कराई जाए या मौजूदा मोटर को उच्च गुणवत्ता वाली मशीन से बदला जाए, ताकि गर्मियों के मौसम में जल संकट से निजात मिल सके।
कार्यपालक पदाधिकारी ने दिया शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन
कार्यपालक पदाधिकारी अमरेंद्र चौधरी ने सिंधी समाज के प्रतिनिधियों को जल्द से जल्द समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि नगर परिषद इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और कोशिश की जा रही है कि जल संकट से प्रभावित इलाकों में वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
स्थानीय लोगों को प्रशासन से उम्मीद
सिंधी समाज के लोगों ने उम्मीद जताई है कि नगर परिषद जल्द ही इस विकट समस्या का समाधान निकालकर उन्हें राहत पहुंचाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि प्रशासन ने समय रहते उचित कदम नहीं उठाए, तो यह संकट और गंभीर रूप ले सकता है।
सिंधी पाड़ा इस समय भारी जल संकट से गुजर रहा है। ऐसे में स्थानीय लोगों द्वारा उठाया गया यह कदम न सिर्फ समाज की जागरूकता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि अब जनता अपने अधिकारों और समस्याओं को लेकर सजग हो चुकी है। अब देखना यह होगा कि नगर परिषद इस मामले में कितनी तेजी से ठोस कार्रवाई करता है और लोगों को कब तक पानी की राहत मिलती है।