[ad_1]
पटना. बिहार में इन दिनों शिक्षक अपनी मांगों को लेकर लागातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं. बात चाहे नियमति शिक्षकों की हो या गेस्ट टीचर की या फिर बिहार के प्लस 2 स्कूल के गेस्ट टीचरों की सभी अपनी-अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ताजा मामला बिहार के प्लस 2 स्कूलों में कार्य कर गेस्ट टीचरों का है, जिन्होंने बिहार सरकार से गेस्ट टीचरों को भी स्थायी शिक्षक करने की मांग की है.
पूर्णिया जिले के ओराही गोविन्द पुर विद्यालय में कार्यरत शिक्षक अमृत कुमार झा ने बताया कि 5 वर्षों से कार्यरत +2 अतिथि शिक्षक के साथ इतना निर्दयी व्यवहार क्यों है. लगातार 5 साल से सेवा दे रहे अतिथि शिक्षक 1000 की दिहाड़ी पे काम कर रहे हैं. क्या उनको परिवार नहीं है ? क्या उनको समाज मे सम्मान से जीने का हक नहीं है? कब तक राज्य सरकार ये सौतेला व्यवहार करेगी.
4050 शिक्षक सरकारी छुट्टी के दिन हो जाते हैं बेरोजगार
बांका जिले के एक स्कूल में कार्यरत शिक्षक इंद्रजीत कुमार ने बताया कि वह एक +2 स्कूल में पिछले 5 वर्षो से दिहाड़ी मजदूरी के तर्ज पर 1000 रुपए रोज के पारिश्रमिकी पर 2018 से शैक्षणिक कार्य रिजल्ट ओरिएंटेड करते आ रहें हैं. उन्होंने कहा कि हम तमाम अतिथि शिक्षक साल के 365 दिन कार्यरत नहीं होते, जिसके चलते गृहस्थी जीवन चलाना बहुत मुश्किल होता है. बिहार सरकार द्वारा घोषित सारी छुट्टी के दौरान हम बेरोजगार हो जाते हैं. यहां तक की हमें तो किसी जयंती के दिन भी स्कूल आने से मना कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि प्रति कार्य दिवस में वित्तीय अनियमितता भी चरम पर हमारे पारिश्रमिकी के नाम पर होती आ रही है. कुल मिला कर मूल्यांकन करेंगे तो पाएंगे कि +2 अतिथि शिक्षक 8000 से 10000 रुपए पर +2 स्कूल में विज्ञान और अंग्रेजी विषय की शैक्षणिक कार्य कर रहें हैं. हमारी राज्य सरकार से मांग है सूबे के 4050 +2 अतिथि शिक्षकों को “स्थायी शिक्षक” का दर्जा दिया जाए. अधिकांश +2 स्कूल के तमाम अतिथि शिक्षक M.Sc/B.Sc/B.Ed और कुछ तो Ph.ED योग्यताधारी हैं.
सरकारी आयोजन पर नहीं बुलाया जाता है स्कूल
शिक्षक संतोष कुमार ने बताया कि बीते महीने डिप्टी डायरेक्टर ने भी प्लस 2 अतिथि शिक्षकों के काम की तारीफ की थी. ऐसे में हमें उम्मीद थी कि राज्य सरकार अब हम शिक्षकों को भी स्थायी दर्जा देगी. मोतिहारी में कार्यरत एक शिक्षक अजय कुमार ने बताया कि महापुरुषों की जयंती 26 जनवरी गणतंत्र दिवस, 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस जैसे मौके पर अतिथि शिक्षकों स्कूल जाने से वंचित किया जाता है यह कहां का न्याय है.सरकार से हम सभी + 2 विद्यालय अतिथि शिक्षक की यही मांग है कि हम सभी को भी स्थायी किया जाए.
.
Tags: Bihar News
FIRST PUBLISHED : August 09, 2023, 16:12 IST
[ad_2]
Source link