दुमका। आउटडोर स्टेडियम प्रांगण में आयोजित एक स्वच्छता अभियान में आवाहन IAS ACADEMY के सभी युवा सदस्य छात्रगण ने हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम छात्रों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बना, जिसमें भाग लेकर उन्होंने न केवल अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने का संकल्प लिया, बल्कि दूसरों को भी इस दिशा में जागरूक करने की शपथ ली। इस कार्यक्रम का नेतृत्व सौरभ झा द्वारा किया गया, जो स्वयं एक प्रेरणास्त्रोत हैं।
स्वच्छता की शपथ और उत्साहपूर्ण भागीदारी
कार्यक्रम के दौरान सभी छात्र-छात्राओं ने एकजुट होकर शपथ ली कि वे अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने का प्रयास करेंगे और दूसरों को भी इस दिशा में प्रेरित करेंगे। कार्यक्रम का हिस्सा बनने वालों में प्रमुख नाम थे- आलोक कुमार चौधरी, सौरभ झा, आयुष मिश्रा, शोमी, मधु कुमारी, यशवंत कुमार, आदर्श कुमार, प्राची शर्मा, बहामुनी मुर्मू, संतोष सोरेन, आलोक कुमार, अमित यादव, योमेश कुमार, पूजा कुमारी, मयंक कुमार, दीपक कुमार, गोलू सिंह, आदित्य किशोर, अनंत कुमार, मोहम्मद फरहान, रेहान, आकाश कुमार, मोहम्मद इमरान हैदर और कई अन्य छात्र-छात्राएं शामिल थे।
संस्थान की नि:शुल्क प्रतियोगिता परीक्षा
संस्थान द्वारा विगत तीन वर्षों से नि:शुल्क प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य उन छात्रों की सहायता करना है जो आर्थिक रूप से प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी नहीं कर सकते थे। इस पहल के कारण, कई छात्र-छात्राओं को सफलता प्राप्त हुई है, जिनमें प्रमुख नाम सौरव भगत का है, जिन्होंने BPSC में 34वीं रैंक हासिल कर Dy SP का पद प्राप्त किया। इसके अलावा, अन्य छात्र-छात्राओं ने भी UPSC, CGL और अन्य सरकारी नौकरी की परीक्षाओं में सफलता हासिल की है।
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संस्कार और शिक्षा का अद्भुत संगम
इस संस्थान का उद्देश्य केवल शिक्षा देना ही नहीं, बल्कि संस्कार का अद्भुत मिश्रण भी छात्रों को प्रदान करना है, ताकि वे सभ्य समाज का निर्माण करने में योगदान दे सकें। इस प्रयास से विशेष रूप से उन छात्रों को लाभ हो रहा है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए संसाधन नहीं जुटा पाते।
समाज में बदलाव की दिशा में योगदान
इस प्रकार के प्रयास समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि समाज के अंतिम पंक्तियों तक भी शिक्षा की रोशनी पहुंच सके। इन नि:शुल्क और निस्वार्थ प्रयासों से उन छात्राओं को भी लाभ हो रहा है जो बाहर रहकर पढ़ाई करने में असुरक्षित महसूस करती हैं।
समाज के हर हिस्से का योगदान आवश्यक
संस्था की इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि समाज में बदलाव लाने के लिए सभी का योगदान आवश्यक है, विशेषकर उन संस्थाओं का, जो समाज के अंतिम पंक्तियों तक शिक्षा और संस्कार पहुँचाने के लिए काम कर रही हैं। इस तरह के संस्थान समानता और संगठित विकास के आदर्श प्रस्तुत करते हैं, जो समाज के पिछड़े हिस्से के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकते हैं।
इस आयोजन और संस्था की गतिविधियों ने यह सिद्ध कर दिया है कि अगर समाज का हर वर्ग एकजुट होकर काम करे, तो एक सशक्त और सभ्य समाज का निर्माण किया जा सकता है। युवा वर्ग के सक्रिय प्रयासों और नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करने वाली संस्थाओं के माध्यम से ही हम अपने समाज को प्रगति और उन्नति की दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं।