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राजाराम मंडल/मधुबनी. अगर आप परदेस (बाहर) में रह कर मेहनत-मजदूरी कर किसी तरह से घर-परिवार चलाते हैं, तो आपके लिए बकरी पालन अच्छा व्यवसाय हो सकता है. बकरी पालन के लिए बिहार सरकार लोगों को प्रोत्साहित करती है. मधुबनी जिले के हरही गांव के किसान राम सेवक यादव कोरोना से पहले परदेस में मेहनत-मजदूरी करते थे, लेकिन कोरोना काल में जब उनका काम छूट गया तो उन्होंने घर वापस आना पड़ा था. इसके बाद उन्होंने यहां बकरी पालन शुरू किया. इस काम में फायदा होता देख अब वो 25 से ज्यादा बकरियों का पालन कर रहे हैं.
राम सेवक यादव बताते हैं कि वो कुछ समय पहले तक बिहार से बाहर रह कर नौकरी करते थे. लॉकडाउन में जब काम छूट गया तो गांव वापस आ गये. उस वक्त उनके घर में एक भैंस थी जिसको वो रोज चराने ले जाते थे. उन्हीं दिनों गांव के केशव यादव ने उन्हें बकरी पालन करने का सुझाव दिया. इस पर रामसेवक यादव ने बकरी पालन के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया. इसकी शुरुआत उन्होंने मात्र पांच बकरी पालन से की. महज छह माह में उन्हें 70 हजार रुपये का मुनाफा हुआ. उन्हें बकरी पालन में फायदा दिखने लगा तो वो इसे और बढ़ाने लगे. अब उनके पास 25 से ज्यादा बकरियां हैं. इसमें तोता पारी, ब्लैक बंगाल आदि नस्ल की बकरी शामिल हैं.
दूसरों को कर रहे बकरी पालन के लिए प्रेरित
राम सेवक यादव का कहना है कि गरीब आदमी के लिए बकरी पालन बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है. क्योंकि यह बिजनेस कम पैसे में शुरू किया जा सकता है. साथ ही, बकरी बेचने से भी अच्छा मुनाफा होता है. उन्होंने बताया कि शुरू-शुरू में उन्हें अंदाजा नहीं था कि बकरी पालन में इतनी कमाई हो सकती है, लेकिन अब जबकि उन्हें इस काम से अच्छा-खासा मुनाफा हो रहा है, तो वो गांव के अन्य लोगों को भी बकरी पालन के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
उनका दावा है कि छोटे स्तर पर भी बकरी पालन शुरू करने से सालाना 3 लाख रुपये से ज्यादा का फायदा हो सकता है.
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Tags: Bihar News in hindi, Employment News, Local18, Madhubani news, Success Story
FIRST PUBLISHED : July 15, 2023, 13:59 IST
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