Thursday, July 3, 2025
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मंडलकारा में जेल अदालत एवं मेडिकल कैंप का सफल आयोजन: बंदियों को दी गई कानूनी जानकारी व स्वास्थ्य सेवाएं

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झालसा के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार की पहल

पाकुड़। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) रांची के निर्देशानुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ के तत्वाधान में आज पाकुड़ मंडलकारा में जेल अदालत सह मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ शेष नाथ सिंह के निर्देश पर तथा प्रभारी सचिव विशाल मांझी की उपस्थिति में आयोजित हुआ।


बंदियों को दी गई मुफ्त कानूनी सहायता की जानकारी

इस अवसर पर न्यायिक पदाधिकारियों द्वारा मंडलकारा में निरुद्ध बंदियों को निशुल्क कानूनी सहायता के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। बंदियों को बताया गया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा उन्हें मुफ्त अधिवक्ता की सुविधा, मुकदमे की पैरवी हेतु सहयोग, और कानूनी अधिकारों के बारे में मार्गदर्शन दिया जाता है।
इस दौरान बंदियों को प्रेरित किया गया कि वे अपने कानूनी अधिकारों के प्रति सजग रहें और आवश्यकतानुसार प्राधिकार से नि:शुल्क अधिवक्ता प्राप्त करें


मेडिकल कैंप में की गई स्वास्थ्य जांच

कार्यक्रम के तहत मेडिकल कैंप भी लगाया गया, जिसमें जेल में बंद सभी बंदियों की स्वास्थ्य जांच की गई। चिकित्सक पदाधिकारी एस. के. झा, आशीष हेंब्रम तथा अनुपा मुंडा की टीम द्वारा बंदियों का ब्लड प्रेशर (BP), शुगर, और अन्य जरूरी स्वास्थ्य परीक्षण किए गए। चिकित्सा टीम ने बंदियों को स्वस्थ जीवनशैली, समय पर जांच, और नियमित दवाओं के सेवन की जानकारी दी।


कौशल विकास कार्यशाला का निरीक्षण

कार्यक्रम के दौरान अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह प्रभारी सचिव विशाल मांझी ने मंडलकारा में संचालित स्वरोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत चल रही कौशल विकास कार्यशाला का भी निरीक्षण किया। उन्होंने बंदियों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और कहा कि इस तरह की पहल से बंदियों को जेल के बाद स्वावलंबी जीवन जीने की दिशा में मदद मिलती है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे प्रशिक्षण को और अधिक व्यावहारिक एवं उपयोगी बनाया जाए।


अधिकारियों की सक्रिय उपस्थिति ने बढ़ाया कार्यक्रम का महत्व

इस कार्यक्रम में न्यायिक पदाधिकारी के साथ-साथ जेलर दिलीप कुमार, चिकित्सक पदाधिकारी एस. के. झा, आशीष हेंब्रम, अनुपा मुंडा, और कोर्ट से जुड़े कर्मी संतोष मरांडी, अर्जुन मंडल, जितेंद्र कुमार, सरजू हेंब्रम, कृष्णा कुमार उपस्थित रहे। इन सभी की सक्रिय सहभागिता से यह आयोजन सार्थक और प्रभावी सिद्ध हुआ।


न्याय एवं सेवा का मिला संगम

यह आयोजन कानूनी जागरूकता, स्वास्थ्य सेवा, और पुनर्वास की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का एक बेहतरीन उदाहरण रहा। जेलों में इस तरह के कार्यक्रमों से न केवल बंदियों को कानून की जानकारी और चिकित्सा सुविधा मिलती है, बल्कि उन्हें स्वस्थ, सशक्त और पुनर्निर्माण की राह पर चलने की प्रेरणा भी मिलती है।
इस कार्यक्रम ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि न्याय केवल सजा तक सीमित नहीं, बल्कि पुनर्वास और सुधार का माध्यम भी है।


जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा किए गए इस प्रयास की सराहना सभी स्तरों पर की जा रही है और भविष्य में भी इसी तरह के जनहितकारी आयोजनों की अपेक्षा की जा रही है।

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