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Success Story: आज के समय में अगर किसी की भी 18 लाख की पैकेज वाली जॉब लगे तो वह अपने आपको सेटल मानेगा. लेकिन आईआईटी आईएसएम कैंपस में रहने वाले चंदन कुमार ऐसा नहीं सोचते. उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए नौकरी छोड़ने में भी परहेज नहीं किया. दरअसल चंदन हमेशा से डॉक्टर बनना चाहते थे. उन्होंने साल 2008 में 12वीं पूरी करने के बाद मेडिकल और इंजीनियरिंग दोनों के लिए प्रवेश परीक्षा दी.
हांलाकि उनका मेडिकल में चयन नहीं हो पाया था और इंजीनियरिंग उनका दाखिला हो गया. उन्होंने NIT वारंगल से बायोटेक्नोलॉजी में इंजीनियरिंग पूरी की. इंजीनियरिंग के बाद उनकी अच्छी खासी जॉब भी लग गई और वर्तमान में 18 लाख के पैकेज पर वह नौकरी कर रहे थे.
जारी रखी तैयारी
लेकिन इंजीनियरिंग और जॉब के दौरान भी उन्होंने डॉक्टरी का लक्ष्य छोड़ा नहीं और MBBS की किताबें पढ़ते रहे. इसमें उनकी रुचि भी बढ़ती चली गई. वर्ष 2015 में उन्होंने मेडिकल की प्रवेश परीक्षा निकाली, लेकिन तब अच्छी रैंक नहीं मिली थी. इस वजह से नामांकन नहीं कराया. आखिरकार इतने सालों बाद उन्हें उनकी मेहनत का फल मिला और इस बार मेडिकल प्रवेश परीक्षा में उन्होंने 605 अंक हासिल किए.
इस कॉलेज में लिया एडमिशन
चंदन कुमार ने हाल ही में धनबाद स्थित शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज में MBBS में दाख़िला लिया है. उनका यह एडमिशन पूरे कॉलेज में चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि इस कॉलेज में यह पहली बार है जब कोई इंजीनियर डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए आया है. फिलहाल चंदन की यह कहानी दूसरों के लिए एक सीख जरूर है कि कभी भी अपने सपनों का पीछा नहीं छोड़ना चाहिए, बल्कि उसके लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए.
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Tags: MBBS, Success Story
FIRST PUBLISHED : August 07, 2023, 07:35 IST
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