Monday, July 28, 2025
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लोन लेकर सुनील ने लगाई नूडल्स की फैक्ट्री, आज हर महीने कर रहे है इतनी कमाई

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गुलशन सिंह/ बक्सर. जिले के राजपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत मोहरिया गांव का रहने वाले सुनील आज अपनी मेहनत व संघर्ष के बदौलत स्वरोजगार से न केवल गांव में रहकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं बल्कि दो स्थानीय युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराया है. सुनील अपनी प्रगति के कारण गांव के बेरोजगार युवाओं के लिए उदाहरण बन गया है. बता दें कि सुनील ने 2021 में नूडल्स बनाने के लिए मशीन खरीदकर कुटीर उद्योग शुरू किया. आज उसकी मेहनत रंग ला रही है वो एक बेहतर व्यपारी के रुप में जाने जा रहे है.

बता दें कि इस बिजनेस से पहले सुनील ने दिल्ली के एक फैक्ट्री में नौकरी की तो कभी ठेला चलाया. कुछ दिनों उनका विवाह हो गया, जिसके बाद उन्होंने परिवार चलाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. हालांकि उनकी पति जीविका समूह से जुड़ी हुई थी. लिहाजा मंजू ने जीविका द्वारा मिलने वाले लोन से अवगत कराया. जिसके बाद दिल्ली से वापस गांव लौटा और यहीं पर कुछ अलग करने की ठानी.

मशीन लगाने के लिए 70 हजार रुपए लोन लिया

सुनील ने पत्नी मंजू देवी के साथ मिलकर गांव में नूडल्स बनाने का मशीन लगाने की योजना बनाई. फिर जीविका से जुड़कर तीन बार में 70 हजार के आस-पास लोन लिया. कुछ अपनी पूंजी लगाकर गांव में नूडल्स बनाने की फैक्ट्री लगाई. सुनील ने बताया कि दिल्ली से एक लाख में नूडल्स बनाने की मशीन मंगाकर घर म़ें लगाया और उत्पादन शुरू कर दिया. जिसके बाद धीरे- धीरे उनका व्यापार चल पड़ा.

दो लोगों को देते है 6 हजार रुपए सैलरी

सुनिल ने बताया कि उन्होंने गांव के दो लोगों को रोजगार भी दे रखा है,जिन्हें वो 6 हजार रूपए हर महीने सैलरी देते हैं. वहीं सभी खर्च काटकर 30 से 40 हजार तक हर महीने बचत हो जाती है. सुनील ने बताया कि नूडल्स तैयार करने में मैदा और पानी की आवश्यकता होती है. उन्होंने बताया कि इस सफलता में पत्नी ने अहम भूमिका निभाई है. जिसने शुरुआती दौर में जीविका से लोन दिलाने में सहयोग किया.

चाऊमीन बेचने का करते है बिजनेस

सुनील ने बताया कि यहां तैयार से नूडल्स दिनारा, रोहतास, धनसोइ, बक्सर, मलियाबाग, केशठ, सोनवर्षा, नावानगर सहित स्थानीय बाजारों में बिकता है. वहीं बनारस तथा प्रयागराज की कम्पनियां अपना रैपर भेजकर नूडल्स पैकिंग करा कर मंगवाते हैं. सुनील ने बताया कि फैक्ट्री लगाने के बाद गांव में हीं खुद की ठेला पर चाऊमीन बनाकर बेचते भी हैं.

Tags: Bihar News, Buxar news, Local18

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