पाकुड़ कांग्रेस कार्यालय में संगठनात्मक बैठक का आयोजन
पाकुड़ जिला कांग्रेस कार्यालय में आज एक महत्वपूर्ण संगठनात्मक बैठक का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य आगामी “संविधान बचाओ रैली” की तैयारियों की समीक्षा करना और संगठन को जमीनी स्तर पर सशक्त बनाना रहा। इस बैठक की अध्यक्षता जिला कांग्रेस अध्यक्ष कुमार सरकार ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड प्रदेश कांग्रेस के महासचिव तनवीर आलम उपस्थित हुए।
रैली नहीं, लोकतंत्र की हुंकार है “संविधान बचाओ रैली”
बैठक के दौरान अपने जोशीले संबोधन में तनवीर आलम ने कार्यकर्ताओं में नवचेतना का संचार किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि:
“संविधान की रक्षा करना आज की सबसे बड़ी राष्ट्रीय ज़िम्मेदारी है।“
उन्होंने “संविधान बचाओ रैली” को मात्र एक आयोजन नहीं, बल्कि लोकतंत्र को जीवित रखने की जनआवाज़ बताया। उनके मुताबिक यह रैली मौजूदा परिस्थितियों में देश को संविधानविहीन शासन प्रणाली से बचाने का आंदोलनात्मक प्रयास है।
युवाओं को नेतृत्व में आने का आह्वान
तनवीर आलम ने विशेष रूप से युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि समय की मांग है कि नई सोच, नवाचार और जोश के साथ युवा कांग्रेस के मोर्चे पर आएं। उन्होंने युवाओं को नेतृत्व क्षमता विकसित करने, जनता से संवाद बढ़ाने और सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय रहने की सलाह दी।
कांग्रेस: केवल दल नहीं, लोकतंत्र की आत्मा
तनवीर आलम ने कांग्रेस की भूमिका को सिर्फ एक राजनीतिक दल तक सीमित न मानते हुए कहा कि:
“कांग्रेस भारत की लोकतांत्रिक आत्मा का प्रतीक है।“
उन्होंने कहा कि आज जब लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला हो रहा है, तब हर कांग्रेस कार्यकर्ता की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। सभी को संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए जन-जन तक पहुंचने और जागरूकता फैलाने का काम करना होगा।
कार्यकर्ताओं से भावनात्मक जुड़ाव और सामाजिक प्रतिबद्धता की अपील
तनवीर आलम ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे जनता की समस्याओं से भावनात्मक रूप से जुड़ें, संवेदनशील बनें, और सामाजिक न्याय एवं समानता के लिए लगातार संघर्ष करते रहें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का हर कार्यकर्ता जनता की उम्मीदों का वाहक है और उसे हर हाल में लोगों के बीच उपस्थित रहना चाहिए।
भारी उपस्थिति और ऐतिहासिक संकल्प
इस बैठक में जिला कांग्रेस कमेटी, प्रखंड अध्यक्षगण, महिला कांग्रेस, यूथ कांग्रेस, एनएसयूआई तथा अन्य मोर्चा संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। सभी ने एक स्वर में 28 जून 2025 को पाकुड़ के रविंद्र भवन में आयोजित होने वाली “संविधान बचाओ रैली” को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने का संकल्प लिया।
पाकुड़ से उठी लोकतंत्र की पुकार
आज की यह बैठक पाकुड़ में राजनीतिक चेतना और लोकतांत्रिक मूल्य संरक्षण की दिशा में एक ठोस पहल साबित हुई। तनवीर आलम के ओजस्वी नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यह स्पष्ट संकेत दिया कि वे संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर मोर्चे पर तैयार हैं।
“संविधान बचाओ रैली” सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारत के लोकतंत्र की आत्मा को बचाने का यज्ञ है — और पाकुड़ की धरती इस ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनने को तैयार है।