पाकुड़। धनुषपूजा स्थित संत पाॅल विद्यालय पाकुड़ के प्रांगण में धूमधाम से मनाया गया। सर्व प्रथम शिक्षक -शिक्षिकाओं द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया। स्कूल छोटे-छोटे बच्चों ने स्वागत गान एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
स्कूल के निदेशक गाब्रियेल मुर्मू ने सभी शिक्षक -शिक्षिकाओं, अभिभावकों एवं बच्चों को संबोधित करते हुए टीचर्स डे के बारे बताया। डाॅ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म सितंबर 1888 तत्कालीन मद्रास प्रेसीडेंसी के चित्तूर जिले के तिरुपति ग्राम एक तेलुगू भाषी परिवार में 05 सितंबर 1888 को हुआ था। राधाकृष्णन 1962 में भारत के राष्ट्रपति बने उनके छात्र इस दिन को विशेष रुप से मनाने की इजाजत चाहते थे। इस के बजाय डाॅ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने सुझाव दिया इस दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाय ताकि समाज में शिक्षकों के योगदान की सराहना की जा सके।
स्कूल के प्राचार्या सुनीता हांसदा ने भी बच्चों को संबोधित करते हुए कही डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा को बहुत महत्व देते थे और उन्होंने अपना पूरा जीवन शिक्षा के क्षेत्र में समर्पित कर दिया था।
स्कूल के उप प्राचार्या बिनीता हेम्ब्रम ने भी बच्चों को संबोधित करते हुए कही शिक्षक हमारे जीवन के मार्ग दर्शक होते हैं शिक्षक वह दीपक है जो अज्ञानता के अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं। वे हमें न केवल किताबों का ज्ञान देते हैं, बल्कि जीवन की मूलभूत सीख भी सिखाते हैं। वे हमें आत्म निर्माण जिम्मेदार और नैतिक रुप से सशत बनाते हैं।
मौके पर सूरज मुर्मू, मुन्ना मुर्मू एवं दर्जनों अभिभावक उपस्थित थे।