Wednesday, July 9, 2025
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बैद्यनाथ धाम में मां सरस्वती का मंदिर, साल में एक बार होती है तांत्रिक पूजा

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परमजीत कुमार/देवघर. देवघर का विश्व प्रसिद्ध बैद्यनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है. मंदिर परिसर में बैद्यनाथ के साथ कुल 22 देवी-देवताओं के मंदिर स्थापित हैं. सभी मंदिरों की अपनी अलग-अलग मान्यताएं हैं. ऐसी ही मान्यता के अनुसार, देवघर में शिव से पहले शक्ति का वास हुआ है, इसलिए यहां शिव से पहले शक्ति की पूजा की जाती है.

वहीं देवघर के बैद्यनाथ धाम ज्योतिर्लिंग को चिता भूमि के नाम से भी जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यहां माता सती का हृदय गिरा था, जिसके कारण उनका अग्नि संस्कार यहीं पर किया गया था. जो भी श्रद्धालु देवघर में बाबा बैजनाथ धाम में पूजा अर्चना करते हैं, उन्हें शिव के साथ शक्ति का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है.

देवघर के तीर्थ पुरोहित बताते हैं कि तंत्र साहित्य में शिव व शक्ति की चर्चा है. तंत्र में शिव व शक्ति तत्व ही मूल में बसा है. यहां माता सरस्वती की पूजा अर्चना तांत्रिक विधि से की जाती है. देवघर के तीर्थ पुरोहित श्रीनाथ पंडित ने लोकल 18 को बताया कि प्राचीन काल से ही देवघर साधना स्थल के रूप में प्रचलित रहा है. देश के कोने-कोने से साधक यहां पहुंचते हैं.

वसंत पंचमी पर विशेष पूजा
तीर्थ पुरोहित ने आगे बताया कि यहां लोग साधना के माध्यम से बहुत कुछ अर्जित करते हैं. हर जगह माता सरस्वती की पूजा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ की जाती है. यहां भी देवघर मंदिर परिसर में स्थित माता सरस्वती की पूजा 365 दिन की जाती है. लेकिन, शुक्ल पक्ष की वसंत पंचमी के दिन सरदार पंडा के द्वारा विशेष तांत्रिक पूजा की जाती है.

सरस्वती मंदिर के शिखर पर है पंचशूल
बाबा बैधनाथ धाम में पूजा अर्चना के बाद भक्त अन्य 21 मंदिरों में पूजा जरूर करते हैं. इन्हीं 22 मंदिरों में से एक है ज्ञान देने वाली मां सरस्वती का मंदिर. इस मंदिर का निर्माण पूर्व सरदार पंडा स्वर्गीय श्री श्री रामदत्त ओझा ने कराया था. माता सरस्वती के मंदिर की लंबाई 25 फीट है और यह मुख्य मंदिर के दक्षिण पश्चिम कोने पर है. सरस्वती मां के मंदिर के शिखर के ऊपर पंचशूल विराजमान है.

कौन तीर्थ पुरोहित करते है माता की पूजा
सरस्वती माता की पूजा देवघर के तीर्थ पुरोहित ओझा परिवार मंदिर स्टेट की तरफ से की जाती है. मंदिर परिसर में स्थापित इस प्रतिमा की पूजा साल भर तीर्थ पुरोहित और भक्तों के द्वारा की जाती है. साल में एक बार वसंत पंचमी के दिन मंदिर में तांत्रिक विधि से पूजा अर्चना की जाती है.

Tags: Deoghar news, Jharkhand news, Local18, Religion 18

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