[ad_1]
परमजीत कुमार/देवघर. 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा बैद्यनाथ झारखंड के देवघर में हैं. बाबा बैद्यनाथ धाम को मनोकामना लिंग कहा जाता है. तीर्थ पुरोहितों की मानें तो यहां कई तरह की ऐसी परंपराएं हैं जिन्हें करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. ये परंपराएं यहां आदि काल से चली आ रही हैं. इन्हीं में एक है थापा प्रथा. कहते हैं कि जो कोई भी उल्टे हाथ से थापा लगाकर मन्नत मांगता है, उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है.
देवघर के प्रसिद्ध तीर्थ पुरोहित श्रीनाथ पंडित ने लोकल18 को बताया कि बैजनाथ धाम में थापा प्रथा आदिकाल से ही चली आ रही है. इसे मंदिर की दीवार पर मन्नत मांगते वक्त उलटे हाथ से लगाया जाता है. जब मन्नत पूर्ण हो जाती है तो सीधे हाथ से थापा लगाया जाता है. चाहे वह मन्नत पुत्र रत्न की प्राप्ति की हो या शादी-विवाह को लेकर मांगी गई हो – वह पूर्ण जरूर होती है.
तीर्थ पुरोहित के अनुसार, इस पूजा के तहत मनोकामना मांगते वाले भक्त गर्भगृह की दीवार पर उल्टे हाथ में लाल रंग लगाकर थापा लगाते हैं. फिर जब मनोकामना पूर्ण हो जाती है तो सीधे हाथों से थापा लगाते हैं और बाबा बैद्यनाथ का आशीर्वाद ग्रहण करते हैं. बस इसी वजह से देश के कोने-कोने से श्रद्धालु देवघर में मनोकामना मांगने पहुंचते हैं. हर साल हजारों श्रद्धालु थापा पूजा करते हैं और मनोकामना मांगते हैं.
बाबा मंदिर के गर्भगृह की बाईं ओर बाहरी दीवार को धरनाधारी कहते हैं. यहां दिन भर तीर्थ पुरोहित बैठकर जप करते हैं. साथ ही कई तरह के अनुष्ठान दिन भर चलते रहते हैं. यहां सिद्धि के लिए यह लोगों की दिनभर भीड़ लगी रहती है.
.
FIRST PUBLISHED : July 14, 2023, 12:51 IST
[ad_2]
Source link